उनके बालों से रुख़सार पर टपकता पानी
जैसे गुलाब पर चमकती हों ओस की बूंदें
स्वरचित रचना सय्यदा----✍️
-----------🌹🌹---------
2 दिसम्बर 2021
उनके बालों से रुख़सार पर टपकता पानी
जैसे गुलाब पर चमकती हों ओस की बूंदें
स्वरचित रचना सय्यदा----✍️
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हृदय अंकुरित भावों का शब्द रूप है काव्य, लेखक होना भाग्य है कवि होना सौभाग्य.........जी हां मुझे गर्व का अनुभव होता है जब मैं कोशिश करती हूं एक लेखक और कवि बनने की.... मेरे प्रयास की झलक आपको मेरे धारावाहिक लेख और कविताओं में देखने को मिलेगी,,,, मेरे द्वारा लिखी रेसिपी में एक गृहिणी और मेरे आर्टिकल में आप एक अध्यापिका के रूप में मुझे समझ पाएंगे। आप लोगों का प्रोत्साहन मेरे लेखन को निखारने में मदद करेगा और निरंतर प्रयास करते रहने के लिए आपकी समीक्षाएं मुझे प्रोत्साहित करती रहेंगी । 🌹🌹🌹 D
19 दिसम्बर 2021
बहुत बेहतरीन लाजवाब 💐💐👌
3 दिसम्बर 2021
सय्यदा जी अति सुन्दर।
2 दिसम्बर 2021
वाह सय्यदा दी बहुत ही सुंदर
2 दिसम्बर 2021
वाह क्या कल्पना है 👌👌👏👏
2 दिसम्बर 2021
V.nice di
2 दिसम्बर 2021
Superb di😍😍😍
2 दिसम्बर 2021