मुस्कुराए तू हर सुबह,
हर शाम गुनगुनाती रहे,
प्यार करते रहें तुझसे
यूं ही सदा हम सभी,
कम ना हो कभी तेरी,
उल्फ़त भी हमारे लिए ,
तू ही तो एक ठिकाना है
खुशियों का हमारी,,,,,,,।
तेरी भी,ख़ुशियों का ज़ख़ीरा,
है सिर्फ हमारे लिए,,,,,,,।
मौलिक रचना सय्यदा ख़ातून,,, ✍️
-----------🌹🌹🌹-----------