🌹एक बार तो परदेस से
तुम लौट आते मेरे लिए,
कह कर गए थे हम तुमसे
प्यार करते हैं बहुत।
🌹एक बार तो बताई होती
वजह ना आने कि मुझे..!
🌹हम किसी और का हो जाने
पर मजबूर तो न होते.......!
🌹रस्म-ऐ- वफा तो तुमसे
कभी भी निभाई नहीं गई..!
🌹क्या दस्तूर है वफा हम ही हैं
बचे थे निभाने के लिए......!
स्वरचित रचना सय्यदा----✒️
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