🌹नादान है वह समझते भी नहीं
वहां कोई नहीं रहता,
🌹 कैसे लिख दूं मैं भला
उनकी कहीं ।
🌹रहते हैं वहां मेरे खुदा,
भगवान भी तो रहते हैं वही,
🌹 ईश्वर अल्लाह भगवान,
सभी रहते हो जहां,
🌹 फिर कैसे लिख सकती हूं भला,
वहां रहता नहीं कोई।
सय्यदा----✒️
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