🌹अंधेरी रात में जगमगाते हुए सितारे,
एहसास कराते हैं अपना होने का तुझे।
🌹चांद साथ हो ना हो तेरे, कोई फ़र्क नहीं
अगर सितारों की बारात खड़ी हो साथ तेरे।
🌹फर्क पड़ता नहीं किसी के होने न होने का
भीड़ लग जाती है उतनी ही संभाल ने के लिए।
🌹सियाह रातों से घबराना नहीं है खा़तून कभी
बाद-ए-शब पुर नूर सुबह भी,आती है ज़रूर।
स्वरचित रचना सय्यदा----✒️
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