🌷दिल तो बच्चा है ,
नादान हैं मेरी सुनता
ही नहीं..........।
🌷यूं ही मचल जाता है
आज भी कुछ पाने
के लिए.........।
🌷रूठ जाता है बेवजह
किसी मासूम बच्चे की
तरहां..........!
🌷और सोचता भी नहीं
बचा कौन अब तुझे
मनाने के लिए.....!
(स्वरचित रचना)
सय्यदा----✒
️🌷🌷