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उस जगमगाती झिलमिलात शाम में
आये थे जब तुम अचानक मेरे पास में
कह रहे थे ये कुछ ख़ास अंदाज़ में......
तुम आ गए हो नूर आ गया है
नहीं तो सितारों से--------!
🤔...हमारा कोई रियेक्शन न देख तुमने अचानक गाना बदल दिया और शुरू हो गए थे...
😎😎चांद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था
हां तुम बिल्कुल वैसी ही हो जैसा मैंने सोचा था......
🙇🙇सच बताएं गाना हमें यह भी पसंद नहीं आया था.... अपने लिए..... और हमने अपने दिल में सोचा था ऐसे मौके पर क्या बिगड़ जाता है इनका ☹️☹️☹️अगर यह गाना गा देते तो.....
😄😄चौदहवीं का चांद हो तुम या आफताब हो
जो भी हो तुम ख़ुदा की क़सम ला जवाब हो.......
तुम्हारे बेसुरे गाने को सुनकर हमने भी बेसुरी आवाज़ में तुम से कहा था...........
हमें तुमसे प्यार कितना ये हम नहीं जानते
मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना..........
ये सुनकर तुम इतने भावुक हो😎😎 गए के फिर से ये पंक्तियां गाने पर मजबूर हो गए.....
🤓🤓
तू इस तरहां से मेरी ज़िंदगी में शामिल हैं,
जहां भी जाऊं ये लगता है तेरी महफ़िल है......
🏌️🏌️और हमने भी भारतीय नारी की ज़बरदस्त भूमिका निभाई थी और तुरंत राग अलापते हुए कहा था.....
🙇🙇
तुम्ही मेरी मंदिर तुम्हीं मेरी पूजा
तुम्ही देवता हो मेरे तुम्ही देवता..
😁😁....तुम ये गाना सुनकर इतने ख़ुश हुए और पुराने हीरो की तरहां लहराते हुए हमारी तरफ़ बढ़ने लगे....
😔😔हम भी कुछ कम नहीं थे भाग कर जल्दी से पुरानी हिरोईन की तरहां एक पेड़ की ओट से आंखें मटका मटका कर गाना गाने लगे थे.....
😄😄जारे हट नटखट न छेड़ मेरा घूंघट
पलट के दूंगी आज तोहे गाली रे...
तू न समझ मुझे भोली भाली रे थे...........
😄😄ख़ैर जाने दें उस बात को ये तो कोरी कल्पना मात्र थी..... बस एक झलक थी उस जगमगाती झिलमिलाती शाम की जहां हमें अपना कौशल दिखाने का एक अवसर दिया........!☹️☹️अब सबसे पल्ला छुड़ा कर हम चलते हैं सोने के लिए.......... ये गीतों भरी😊😊 कहानी आपके हवाले.......!😃😃😃😃😃 आप इस कहानी का मज़ा लें...... जितनी चाहे बख़िया उधेड़ें...... आपकी मर्ज़ी...........हम चुप ही रहेंगे........😷😷😷
🤔🤔🤔
स्वरचित रचना सय्यदा----✒️
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