🌹 अपने स्वार्थ की चिंता जिन्हें
होती नहीं कभी,
वही कष्ट दूर करते हैं औरों का
दीपक की तरहां।
🌹आलोक से आलोकित करते हैं
यह दुनिया को मगर
अंधकार अपने ही घर का दूर
यह कर पाते नहीं।
स्वरचित रचना सय्यदा----✒️
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