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साप्ताहिक प्रतियोगिता

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3 जून 2022  शुक्रवार समय 10:50 रात  मेरी प्यारी सखी,         आशा करती हूं इस भट्टी के समान तपते मौसम में अच्छे से तब रही हो। बादलों के इंतजार में इस बार सि

2 जून 2022   गुरुवार समय 11:10 रातमेरी प्यारी सखी,          इस दुनिया में कितने ही लोग हैं जो गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं। समय आने पर अपना असली चेहरा दिखाने से

1 जून 2022      बुधवार  समय 11:40(रात) मेरी प्यारी सहेली,                कैसी हो ऐसा नहीं कहूंगी, क्योंकि तुम भी कल की घटना स

बिस्तर पर बिछाने के लिए लालायित रहने वाला समाज कभी भी हमें अपनाने को तैयार नहीं होता।मृगनयनी की ये बातें मेरे जेहन में बार बार घूम रही थी। अच्छी खासी ही तो थी उसकी जिंदगी। पर मेरे कारण उसकी इच्छा के व

मैं सब कुछ देख पा रही थी। मेरे शरीर में उसके द्वारा पिलाएं जाने वाले शरबत के कारण कुछ ऐसा नशा हो गया था कि मेरा शरीर मेरा साथ नहीं दे रहा था।वह मेरे पास आ बैठा। उसने मेरे बंधे बालों को खोल दिए और बोला

मन बेचैन था। ऐसा क्या हुआ, जो वह मुझसे आज मिलने नहीं आई कुछ ऐसा वैसा तो...आशंका में मन न जाने कितना कुछ सोचने लगा। सोचते हुए ना जाने मैं कब नींद के आगोश में चला गया, पता ही नहीं चला।सुबह 5:00 बजे के अ

30 मई 2022   सोमवारसमय 11:10 रातमेरी प्यारी सहेली,    आज का दिन व्यस्ततम रहा। नेट की बाधा से पढ़ाई में और काम में किसी कोई अर्चन ना आए इसलिए घर में ब्रॉडबैंड लगाना पड़ा।  &nbs

सदियों  पहले की कहानी  है,, एक वृद्ध सन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था. वह बड़ा ज्ञानी  और बड़ा साधक था ,और उसकी बुद्धिमत्ता की ख्याति दूर -दूर तक फैली थी. *" एक दिन एक 

आज पुरानी यादों की गुल्लक,हाथों से छूट गई ।बहुत कोशिश की बचाने की,मगर फूट गई ।बहुत कुछ बाहर निकल पड़ा ।कुछ सपने थे,जो बचपन में अधूरे रह गए थे ।कुछ अधूरे अरमान थे,जो आँसुओं में बह गए थे ।कुछ ख्वाहिशें

29 मई 2022    रविवार समय 11:00 (रात) मेरी प्यारी सहेली,                सहेली साथ रहने वाली अली अर्थात मित्र जो सदा साथ रहे, हर दुःख सुख

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मुस्कुराहटें भी बहुत कुछ, कह जाती हैं ।    कुछ जीने का अंदाज़, बता जाती हैं ।तो कुछ गमों को, छुपाना सिखा जाती हैं ।    इन्हीं मुस्कुराहटों पर, न जाने कितने निसार हो गये ।न जाने कित

28 मई 2022    शनिवार समय 11:30 (रात) मेरी प्यारी सहेली,       आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। एक बार इसने अगर इंसान में अपनी पैठ बना ली तो फिर किसी भी

27 मई 2022 शुक्रवार समय 11:40(रात) मेरी प्यारी सहेली,      अचानक बदलते मौसम के कारण ऐसा लग रहा है मानो बारिश होने वाली है। पर यह क्या पेड़ों की पत्तियां हिलने लगी है मानो

शीर्षक--दर्दे दिलकिस से कहें अपने दिल की बात,कोई तो हमदर्द मिला होता।हर कोई हमें अपने दर्दे दिल की,बात सुनाकर खुश हो जाता है।मेरे दर्दे दिल की बात तो कोई सुना,ही नही आखिर किस को सुनाते।अपने दर्दे

मृगनयनी! बहुत अच्छा नाम है। देखो मृगनयनी सभी को सुधरने की कोशिश करनी चाहिए। हमें यह जीवन भगवान की तरफ से एक बार ही मिला है।तुम कल सुबह मुझे यहीं पर मतलब जहां शाम को खड़ी होती हो उसी जगह 9-10 बजे मिलना

 26 मई 2022        गुरुवार      समय 3:00 मेरी प्यारी सहेली,     आज पार्क में घूमते हुए मुझे घास में पीले रंग के फूल खिले हुए दिखे।

   इश्क तो आखिर इश्क़ है,    माना बहुत इसमें किस्त है,    चंचल,निर्मेल और पावन सा,    कल की उम्मीद, मनभावन सा।   थोडा दर्द का साया छिपा

25 मई 2022       बुधवार      समय-8:50(रात)      मेरी प्यारी सहेली,             इस बार मायके जाने के समय ही मैं

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शीर्षक --प्यारे शहर छोड़ कर अपने प्यारे शहर को,छोड़ कर अपने न्यारे शहर को।यूँ ही तन्हा जी रहे हैं,अब तो अपनों से भी दूर रह कर,यूँ ही जिंदगी जी रहे हैं।दूसरे शहर में दर बदर,की जिंदगी जी रहे हैं।कुछ

सूत के धागों की तरह,उलझे होते हैं कुछ रिश्ते।जिन्हें न हम छोड़ सकते हैं,और न ही तोड़ सकते हैं ।उलझनें ही उलझनें,होती हैं सब तरफ।ये रिश्ते न आम होते हैं,और ना ही खास होते हैं ।ये अपने आप में ही,उलझा हुआ

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