बुलंद शहर ,उत्तर प्रदेश में घटी लूट और माँ बेटी के साथ बलात्कार की घटना शर्मनाक ,अमानवीय और भयानक है । इस तरह की बढ़ती हुई घटनाये भय और चिंता पैदा करतीं हैं । हम शायद शत प्रतिशत अपराध मुक्त प्रदेश और समाज की अपेक्षा नहीं कर सकते लेकिन अपराधों पर काबू अवश्य पाया जा सकता है । इसके लिये समाज और सरकारों को मुस्तैदी से और ईमानदारी से काम करना होगा । खास तौर से सरकारों को ।
विकास की दौड़ में मानवता का स्थान है या नहीं ? हमारी प्राथमिकताएँ क्या हैं ।
प्याज और टमाटर के बढ़े हुए दामों पर सरकार बदलने वाले लोग , धर्म अधर्म ,खानपान पर राजनीति करने वाले लोग । आतंक वादियों की मृत्यु पर शोकाकुल लोग । फर्जी मुद्दों पर अवार्ड वापिसी करने वाले लोग इस तरह की घटनाओं को क्यों और कैसे बरदास्त कर लेते हैं ?
साथ ही सरकार की प्राथमिकताओं में जब तक अपराधों की रोकथाम उचित स्थान नहीं पाती आम जन का भगवान् ही मालिक है ।