मैं किसी राजनीति क पार्टी से जुड़ा हुआ नहीं हूँ फिर भी राजनैतिकऔर राजअनैतिक गतिविधियों से प्रभावित तो होता ही हूँ । जब श्री अरविंद केजरीवाल राजनीति में आये और ए ए पी बनायी मुझे लगा देश में वाकई क्रांति आने वाली है । इसका शुरुआती अच्छा असर ये हुआ था कि सारे राजनीतिक दल समान्य जन के बारे में चर्चा करने लगे थे ।
लेकिन आप पार्टी की अराजकता , केजरीवाल का झगड़ालूपन , आये दिन उजागर होते पार्टी के घपलेबाज नेता ओं के चरित्र बड़ा निराश करते है ।
उनका चिन्ह झाड़ू मुझे एक मुहावरा याद दिलाता है -झाड़ू फेरना । मुझे लगता है आप पार्टी ने जनता के अरमानों पर झाड़ू फेर दी है ।
मुझे ये भी डर है 'आप ' एक गाली न बन जाये और लोग आप सम्बोधन से असहज या अपमानित महसूस करने लगें ।