बिहार की बोर्ड की परीक्षा के टौपरों
पर मुझे कतई क्रोध नहीं आता । मुझे उनपर तरस आता है और उनसे सुहानुभूति महसूस होती
है । उन्हें एक ऐसी गलती के लिए जेल तक जाना पड़ा जो लाखों नहीं तो हजारों छात्र पुलिस ,मीडिया प्रशासन की आंखो
के सामने करते पाये गये थे ,परीक्षा में नकल और सारे देश ने उसे
टी वी पर देखा था । इनकी गलती इतनी रही कि शायद इन्होंने नकल ज्यादा मेहनत से अतिउत्तम
की और टॉप कर गये । मेरी मीडिया से गुजारिश है इन भोले भाले टौपरों का सरे आम ज्यादा
माखौल न बनाया करें । बिहार सरकार से गुजारिश है कि इन टौपरों को बाइज्जत बरी करें
। ऐसी शिक्षा व्यवस्था और परीक्षा प्रणाली बनायें जिसमें नकल की न तो गुंजाइश हो और
न आवश्यकता ।
विज्ञानं परास्नातक ,भारतीय राजस्व सेवा से सेवा निवृत ,कविता कहानी पढ़ने लिखने का शौक ,कुछ ;प्रकाशित पुस्तकें -संवाद कविता संग्रह , मेरी पाँच कहानियाँ , द गोल्ड सिंडीकेट (उपन्यास ), लुटेरों का टीला चंबल (लघु उपन्यास )।;D