ठहरे पानी में पत्थर उछाल दिया है ।
उसने यह बड़ा कमाल किया है ।
वह तपाक से गले मिलता है आजकल ।
शायद कोई नया पाठ पढ़ रहा है आजकल ।
आँखों की भाषा भी कमाल है ।
एक गलती और सब बंटाधार है ।
23 जुलाई 2018
ठहरे पानी में पत्थर उछाल दिया है ।
उसने यह बड़ा कमाल किया है ।
वह तपाक से गले मिलता है आजकल ।
शायद कोई नया पाठ पढ़ रहा है आजकल ।
आँखों की भाषा भी कमाल है ।
एक गलती और सब बंटाधार है ।
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विज्ञानं परास्नातक ,भारतीय राजस्व सेवा से सेवा निवृत ,कविता कहानी पढ़ने लिखने का शौक ,कुछ ;प्रकाशित पुस्तकें -संवाद कविता संग्रह , मेरी पाँच कहानियाँ , द गोल्ड सिंडीकेट (उपन्यास ), लुटेरों का टीला चंबल (लघु उपन्यास )।;D