आजकल न्यूज़ पढ़ने और देखने में डर लगता है
। न्यूज चैनलस खोलते ही बुरी खबरों की बारिश होने लगती हैं । नियमित आपराधिक खबरों
में भीड़ द्वारा किसी की हत्या, सीमा पर आतंक वादियों का उत्पात, देश में कहीं न कहीं कोई गैंग रेप । और हर बात पर सरकार और विपक्ष का एक
दूसरे पर हमला । और ये सब इतनी नियमितता से हो रहा है जैसे भौतिकी में न्यूटन का
नियम। न्यूज़ चैनल वाले बलात्कार जैसी घटनाओं का नाटकीय रूपान्तरण कर घटना की पूरी
बीभत्सता मय संगीत और स्पेशल इफैक्ट और कमेंटरी सहित दर्शको के सम्मुख परोस कर
समझते हैं वे कोई महान कार्य करते हैं। बढ़ते
अपराध और खास तौर से समूहिक बलात्कार की घटनायें बहुत चिंता का विषय है । इन
समस्याओं का विशेषज्ञों द्वारा सामाजिक ,आर्थिक ,मानोवैज्ञानिक अध्ययन अत्यंत आवश्यक है जिसकी मदद से उपुक्त कदम उठा कर इन
घटनाओं को रोका जा सके । दीर्घकालीन नीति से पहले निम्न कदम तुरंत उठाने चाहिये ।
1-महिलाओं के प्रति अपराध में त्वरित
कार्यवाही हो और कठोरतम दंड दिया जाये ।
2-अश्लीलता पर अंकुश ।
3-न्यूज़ चैनल्स कम से कम हाल में हुई किसी
आपराधिक घटनाओं को मनोरंजन की तरह न परोसें ।