30 सितम्बर 2016
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विज्ञानं परास्नातक ,भारतीय राजस्व सेवा से सेवा निवृत ,कविता कहानी पढ़ने लिखने का शौक ,कुछ ;प्रकाशित पुस्तकें -संवाद कविता संग्रह , मेरी पाँच कहानियाँ , द गोल्ड सिंडीकेट (उपन्यास ), लुटेरों का टीला चंबल (लघु उपन्यास )।;D
अब और तेरा क्या अरमान बांकी है, अभी तो तुमने हवा के झोंके देखे हैं, अभी तो हिन्द का तूफ़ान बांकी है, बार बार झटक कर भी गले लगाया है. कभी का शामिल तुम्हें कर लेते, अभिन्न, हमें क्या पता था अभी निशाँ बांकी है,
5 अक्टूबर 2016