🌸गोधूलि की बेला है
तुम्हारा है इंतज़ार,
और मैं सोचती हूं
तुम आओगे ज़रूर
हां तुम ............!
🌸 दिल में बेचैनी है,
घबराहट है.....!
और मिलने की,
आस भी.......!
तुम आओगे हां
तुम आओगे ज़रुर!
🌸 कुछ रिश्ते जिंदगी में,
होते हैं बेनाम भी...!
हां बे नाम भी.......!
मिलना नहीं है मुमकिन,
मगर होती है मिलने की,
आस भी हां मिलने......!
🌸दूर होते हैं मगर रहते हैं,
आस-पास ही.......!
हैं आस-पास.......!
गोधूलि बेला में
तुम आओगे ज़रुर
तुम आओगे..…......!
हां तुम आओगे........!
स्वरचित रचना सय्यदा----✒️
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