🌹समय बड़ा अनमोल है
इसे ना गंवाओं यारों,
यह मुट्ठी से रेत की
मानिंद फिसल जाएगा
जितना भी बुलाओ
फिर वापस ना आएगा
वापस,,,,,,,,,,।
🌹रूठ कर किसी से तुम,
अगर गवां रहे हो समय,
शीघ्र ही मना लो उसको,
अभी वह मान जाएगा।
पछताओगे फिर तुम्हीं,
गया वक़्त वापस नआएगा।
वापस न........।
🌹मां बाप हैं अगर साथ में तो
ले लो दुआएं तुम उनकी ,
चिराग ए सहर है यह भी
कुछ पल में बुझ जाएगा
पछताओगे फिर बाद में
यह समय वापसन आएगा
वापस न.......।
🌹चंद रोज़ा जिंदगी में,क्यों
झगड़ते हो तुम किसी से
क्या तेरा है क्या मेरा है,
सब यहीं धरा रह जाएगा
समय का पहिया है यह तो
किसी के रोके न रुके पाएगा
किसी के रोके ना.......।
गया वक़्त........!
मौलिक रचना
सय्यदा खा़तून,, ✍️
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