😢😅😃
बहुत अरमान था बन जाऊं मैं भी लीडर
अपने ही सुर में बोलूं स्टेज पर पहुंचकर,
😞😞
सपना अचानक कल, मेरा सच हो गया
जाना था आज मुझको रैली में पार्टी की,
😄😄
तैयार होकर निकली मैं बनके हिरोईन
लौंग कोट पहन मैंने चश्मा लगा लिया
😎😎
गाड़ी लगी थी द्वार पर लंबी सी इस क़दर
दरवाज़ा खोल ड्राइवर ने मुझको बिठा दिया
😓😓😄😄
भीड़ थी मिलने को मुझसे बेक़रार इस तरहां
एक नज़र देखते ही बज उठी हजा़र तालियां
😔😔😞
स्टेज पर पहुंचकर खड़ी थी मैं पूरी शान से
चश्मा हटा मैंने अपने माथे पर रख लिया
😞😄😃
माइक पकड़ के हाथ में भाषण शुरू किया,
अभी बोल भी ना पाई थी मैं एक शब्द भी,,
😭😭😷
भगदड़ मची और टमाटरों से स्टेज लद गया
चप्पलों की जम कर पर बरसात हो गई
🍅🍅🍅
पैर फिसला टमाटरों पर सीधे फर्श पर गिरे
सामने बेरोज़गार पुरुष औरतें कुछ बुजुर्ग थे
🤔🤔😞😔
चिल्लाए वो रोज़गार नहीं दिया इनको मारिए
कुर्सी इनकी छीनिए इनको धक्के मारिए
😢😢😭😭
महंगाई पहुंचाई पार्टी ने इनकी,आसमान पर
सामने खड़ी है ये शान से सीना तान कर,
😭😭😞😔
रोती औरतें डंडा लेके हाथ में आईं भागकर
उन्होंने चोटीहमारी ख़ीची फिर पीटा जमकर
🙇🙇😢😓
नेतागिरी हमारी तो सारी वहीं पर झड़ गई
इतना हुआ दर्द के फिर मेरी आंख खुल गई,
😃😃
अजीब सपना था, मैं सोच कर खु़श हो गई
अच्छा हुआ जो पीटा मेरी आंख खुल गई,,,,😃
मौलिक रचना
सय्यदा खा़तून,,, ✍️
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