सब कुछ बदल गया था एक रात में
भर्ती हो गए थे जब हम अस्पताल में
ख़बरें भी सबकी मिल रहीं ख़राब थी
जूझ रहे थे बुरी तरहं हम भी मौत से
शुक्र है उस ख़ुदा का जिसने बचा लिया
जलवाअपनी रहमत का हमें दिखा दिया
आप सबके बीच फिर लाकर बिठा दिया
जीवन है अनमोल यह उसने दिखा दिया,
खुश रहो इसको पाकर उसने सिखा दिया
जो बिछुड गए हैं हम से उनको सब्र करो,
जो जूझ रहे हैं यहां पर उनकी मदद करो
सब कुछ बदल गया है फिर से यहां पर
खुश रहती हूं अब मैं दूसरों को हंसा कर।
🙇🙇
मौलिक रचना
सय्यदा खा़तून,,, ✍️
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