🌹बैठी हूं इंतज़ार मे
कहां हो गए हो गुम
अब तो आजाओ
मिलने याद करते हैं
तुमको हम.......!
🌹पूछा नहीं है हाल
एक दिन भी जनाब ने
और हम हैं कि घुले
जा रहे हैं फिक्र में
अब तो आओ........!
🌹आओगे एक दिन
जब पूछेंगे तुमसे हम
सुनेंगे तुमसे कुछ और
अपनी भी कहेंगे हम
अब तो आओ.......!
🌹कहोगे एक बार
फिर यही हमसे तुम
दूर होकर भी तुम
मेरे करीब हो, हां
मेरे करीब.......
🌹हसेंगे हम ज़ोर से
मुस्कुराओगे तुम
एक बार तो आओ
मिलने याद करते हैं
तुम को हम......!
मौलिक रचना
सय्यदा खा़तून,,,, ✍️
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