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काश कोई समझ पाता,,,,

19 दिसम्बर 2021

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बेगम साहिबा लाॅन में बैठी हुई फूलों को निहारते हुए गरम-गरम कॉफी का मज़ा ले रही थीं तभी लक्ष्मी आकर उनको आज का अख़बार  दे देती है,,,।

कॉफी के साथ साथ बेगम साहिबा अख़बार की हेडलाइन पर नज़र डालती है,,,,,,। सरसरी तौर से अख़बार को देखते हुए अचानक उनकी नज़र एक हेड लाइन पर रुक जाती है,,,,,।

हेड लाइन थी दहेज की खा़तिर बहू को जलाया गया",,,,,,,,,।वह एक लंबी और गहरी सांस खींचतीं हैं,,,,,,, और तब पूरी न्यूज को ध्यान से पढ़ती हैं,,,,,,।

एक बहू को ससुराल में दहेज की खा़तिर आज फिर जला कर मार दिया गया है,,,,। और हमेशा की तरह आज भी  बेगम साहिबा सोचने पर मजबूर हो जाती है,,,,,,,,।

कहां जाकर रुकेगा यह समाज कब तक होती रहेंगी यह हत्याऐं,,,,,,,क्या हर समस्या का समाधान बहू को जलाकर मार डालना है,,,,। कब आएगी लोगों की समझ में यह बात ,,,,,,,,,कब तक दहेज के दानवों को बढ़ावा मिलता रहेगा,,,,, कब तक वह मनमानी करते रहेंगे,,, कब तक एक बेटी घर में पैसों की कमी के कारण बैठी रहेगी कब तक उसके गुणों को पैसों के तराजू़ में तोला जाता रहेगा कब,,,तक उसकी आबरू को ख़तरा बना रहेगा,,,,।

बेगम साहिबा फिर एक गहरी सांस खींचते हुए सोचती हैं आज से 40 साल पहले भी वह इन खबरों को पढ़ती और सुनती थी,,,,, और आज तक पढ़ती सुनती चली आई हैं क्या कहीं कुछ बदलाव दिखाई देता है आपको नहीं ना,,,।

कितनी तरक्की कर ली है हमने लेकिन समस्याएं जहां की तहां खड़ी हैं,,,, कल भी न्यूज़ की हेडलाइंस यही थीं और आज भी यही है इन 40 सालों में भी,,,, क्यों नहीं बदली लोगों की मानसिकता,,,, क्यों नहीं समझ पाते लोग किसी की भावनाओं को,,,, यह समस्याएं जब तक जो कि तूं हमारे सामने खड़ी रहेंगे जब तक हम अपनी मानसिकता को नहीं बदलते,,,,,।

हमें ऊपर उठना ही होगा,,,, अपनी पुरानी सोच से पुरानी विचारधारा से,,,,,, चलना होगा नए वक़्त के साथ कदम से कदम मिलाकर,,,,, यह समस्या तब तक नहीं मिटेगी जब तक हम खुद ही इसके लिए कोई ठोस निर्णय लेने के काबिल नहीं हो जाते,,,।

हज़ार कानून बना दिए जाएं पर उसको कमज़ोर तो हम ही लोग करते हैं,,,,,,,,, आज हर लड़के के मां-बाप को सोचना होगा कि उसे वह लड़की लानी है जो पढ़ी लिखी हो और अपने पैरों पर खड़ी हो,,,,,।

हर लड़के को यह फैसला करना होगा कि उसे इतना मजबूत और सफल बनना है आर्थिक तौर पर,,,,,,,के किसी लड़की को अपने बलबूते पर ला सके,,,,, और दहेज जैसी लानत लेने से इनकार करने की उसमें ताकत हो,,,,,,, । उसको फैसला करना ही पड़ेगा कि वह अपने लिए बीवी लाए दहेज की गठरी नहीं,,,,,।
लोगों को यह समझना ही होगा,,,,

"जिसने अपने जिगर के टुकड़े को आप के हवाले कर दिया अब बचा ही क्या है उस पर आपको देने के लिए।"

उन्हें बदलना होगा अपनी मानसिकता को,,,, पैसे ही चाहिएं तो पढ़ी-लिखी लड़की जो अपने पैरों पर खड़ी हो सके,,,,, उससे शादी करने का फैसला करें ना कि दहेज मांग कर ,,,,,,, जब ख़ुद किसी का़बिल हों तभी किसी लड़की को अपने घर लाएं,,,,।

लड़की के मां-बाप को भी अपनी मानसिकता बदलनी पड़ेगी हालांकि काफी फर्क हो गया है आजकल के समाज में लेकिन फिर भी कुछ लोगों के बदलने से नहीं,,,,,, हर किसी को बदलना होगा,,,,,,।

लड़की के पैदा होते ही उसकी दहेज की फिक्र ना करके उसे आर्थिक रूप से अपने पैरों पर खड़े होने की ताक़त देनी पड़ेगी,,,,,,, लड़की के मां-बाप को चाहिए कि वह लड़की को भी लड़कों की तरहं पढ़ाएं,,,,।

पढ़ा नहीं सकते तो कोई ना कोई हुनर हर किसी में होता है अपनी बेटी के उसी हुनर को इतना बढ़ावा दें कि वह आर्थिक रूप से अपने ऊपर डिपेंड हो जाए,,,,,।

जब लड़के आर्थिक रूप से डिपेंड लड़की से शादी करना चाहेंगे तो लड़की के मां-बाप भी अपनी लड़कियों को शिक्षा और आर्थिक रूप से मज़बूत करने के लिए विवश होंगे,,,,,।

जब तक ऐसा नहीं होता तब तक यह हेड लाइन न्यूज़ पेपर में लगातार छपती रहेगी,,,,,। और  इस पर क्षणिक दुख व्यक्त करके हर कोई अपना पल्ला झाड़ता रहेगा,,,,

और कोई ना कोई मासूम किसी ना किसी जगह यूं ही तड़पती रहेगी जिंदगी के लिए,,,,,,,,,,,

मैं जानती हूं बहुत से लोग मेरी बात से सहमत नहीं होंगे पर कोई बात नहीं यह मेरे विचार हैं मेरी भावनाएं हैं मेरा दुख है उन लड़कियों के लिए जो दहेज कारण जला दी जाती है,,,,
जीवन में इतना कमाओ की बेटे की शादी में
दहेज मांगने की नौबत ना आए बेटी को इतना
पढ़ाओ कि दहेज देने की ज़रूरत ना पड़े,,,,,

मौलिक रचना सय्यदा खा़तून,, ✍️
--------------🌹🌹🌹-----------

Dinesh Dubey

Dinesh Dubey

बहुत ही अच्छा

23 दिसम्बर 2021

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

23 दिसम्बर 2021

बहुत बहुत धन्यवाद 😊

Kafil ur Rehman

Kafil ur Rehman

Very nice article 👍 👏 👌🏻

20 दिसम्बर 2021

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

23 दिसम्बर 2021

बहुत बहुत धन्यवाद 😊

Papiya

Papiya

👏🏼👏🏼👍🏼👍🏼

19 दिसम्बर 2021

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

19 दिसम्बर 2021

🙇🌹🌹

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रचनाएँ
रंग बिरंगे जज़्बात
5.0
🌹 रंग बिरंगे जज़्बात🌹 मनुष्य का हृदय एक ऐसा समंदर होता है जिसमें रंग-बिरंगे जज्बात की लहरें हमेशा उठती रहती हैं....... मैंने भी अपने मन में उठने वाले मनोभावों की लहरों को अपनी किताब रंग बिरंगे जज़्बात में लिखने की कोशिश की है बस यह समझ लीजिए यह किताब मेरे मन में उठते भावों का आईना है,,,💖💖💐💐
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समय का पहिया

18 दिसम्बर 2021
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<p>🌹समय बड़ा अनमोल है<br> इसे ना गंवाओं यारों,<br> यह मुट्ठी से रेत की<br> मानिंद फिसल जाएगा<br> जि

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काश कोई समझ पाता,,,,

19 दिसम्बर 2021
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<p>बेगम साहिबा लाॅन में बैठी हुई फूलों को निहारते हुए गरम-गरम कॉफी का मज़ा ले रही थीं तभी लक्ष्मी आक

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अब तो मुस्कुरा

19 दिसम्बर 2021
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<p>🌹सफलता के पांच स्तंभ ,<br> मिल जाए अगर किसी को<br> वह बता दे आकर मुझको <br> अपना लूंगी मैं भी उन

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बैठी हूं इंतज़ार में......

20 दिसम्बर 2021
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<p>🌹बैठी हूं इंतज़ार मे<br> कहां हो गए हो गुम<br> अब तो आजाओ <br> मिलने याद करते हैं <br> तुमको हम.

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🙈🙈शादी करोगे कब....😀😃

20 दिसम्बर 2021
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<p>😂बैठे थे हसीना के साथ<br> हम एक मॉल में,<br> गपशप चल रही थी<br> उनसे इज़हारे इश्क में,<br> 😔😔☹

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सर्द हवाएं

21 दिसम्बर 2021
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<p>🌹दोस्तों कहनी मुझे<br> तुमसे एक बात है <br> सर्दी आजकल यहां<br> हो रही बेहिसाब है <br> 😅�

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सब कुछ बदल गया था

21 दिसम्बर 2021
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<p>सब कुछ बदल गया था एक रात में <br> भर्ती हो गए थे जब हम अस्पताल में<br> ख़बरें भी सबकी &nbsp

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नज़रें ढूंढती है तुमको.....

22 दिसम्बर 2021
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<p>🌸याद बहुत तुम आती हो माँ! <br> याद बहुत तुम आती हो।<br> <br> 🌸घर लौट कर आती हूँ &

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फोन बंद कर दिया 😽😻😃

22 दिसम्बर 2021
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<p>🌹कल रात करके<br> मैसेज उन्होंने <br> हमसे यह कहा <br> डीपी को अपनी <br> आप फौरन <br> हटाइए,,<br>

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मिलना बिछड़ना

23 दिसम्बर 2021
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<p>🌹बस गए हो तुम मेरी<br> नज़रों में इस क़दर <br> कहते नहीं तुमसे हम<br> येऔर बात है,,,,,,।<br> <b

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आ जाओ मेरे सांता,,,😢😢

24 दिसम्बर 2021
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<p>😢😢<br> 🌲आ जाओ मेरे सांता<br> मिल जाओ आकर हमसे<br> आओगे तुम यकीनन दिल <br> कहता है मेरा मुझसे।<

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🎅हम क्रिसमस मना रहे हैं 🌲

25 दिसम्बर 2021
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<p>🎅<br> 🌲घर आएंगे मेरे सेंटा<br> तैयारियां हो रही है<br> दिवारें भी घर की मेरे <br> रोशनी में जगम

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नारी तुम केवल श्रद्धा हो

25 दिसम्बर 2021
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<p>नारी तुम केवल श्रद्धा हो <br> विश्वास रजत नग पगतल में<br> &nb

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हे पुरुष तुम महान हो...

26 दिसम्बर 2021
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<p>🌹हे पुरुष तुम महान हो<br> धैर्य की मिसाल हो <br> दुख अपना दिखाते नहीं<br> अश्क तुम बहाते नहीं<br

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खिलखिलाती सुबह

27 दिसम्बर 2021
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<p>🌹इस खिलखिलाती हुई सुबह का<br> कब से मैं कर रही थी इंतज़ार।<br> <br> 🌹यक़ीन था मुझको आओगे तुम<b

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😭 यह आईना भी ना..😭😭

28 दिसम्बर 2021
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<p>🌹जो असलियत है<br> वही दिखाता है आइना<br> टुकड़े करदो हज़ार इसके<br> सच फिर भी,दिखाएगा आईना<br>

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😂😂वह अनजाना सा राही....

28 दिसम्बर 2021
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<p>🌹वह अंजाना सा राही था<br> <br> 🌹 मगर अब मेरी जिंदगी <br> का हिस्सा हो गया।<br> <br> 🌹मिल गया थ

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ऐसिड अटैक को भी,,😢😢

30 दिसम्बर 2021
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<p>😢😢😓😓😔😔<br> लड़की बिचारी देखो<br> अश्क बहा रही है,<br> ज़ुल्मों सितम का अपने<br> हिसाब चाह र

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पुकारती है तुझे....

31 दिसम्बर 2021
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<p>🌹बीत रहा है दिन हर रोज़ की तरहां<br> रात आख़िरी है यह इस साल की <br> <br> 🌹कल मिलेगी सुबह नए स

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बेवफाई

31 दिसम्बर 2021
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<p>🌹ढूंढ- ढूंढ के तुम को अब थक चुकी हूं मैं<br> तुम ही मिलने मुझसे आ जाओ पास मेरे‌<br> <br> 🌹जवाब देते नहीं हो क्यों तुम बात का मेरी<br> ख़ता हुई है क्या ये भी तो बताते नहीं मुझे।<br> <br> 🌹ब

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चप्पलों की बरसात 😭😅😢

31 दिसम्बर 2021
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<p>😢😅😃<br> बहुत अरमान था बन जाऊं मैं भी लीडर <br> अपने ही सुर में बोलूं स्टेज पर पहुंचकर,<br> 😞😞<br> सपना अचानक कल, मेरा सच हो गया<br> जाना था आज मुझको रैली में पार्टी की,<br> 😄😄<br> तैयार होकर

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ए जिंदगी....

31 दिसम्बर 2021
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<p>🌹ए जिंदगी वाकि़फ हूं,<br> तेरी हर अदा से में,<br> <br> 🌹रंग है कौन सा जो <br> दिखाया नहीं हमें<br> <br> 🌹नादान बनके हमको<br> छलती है रात दिन<br> <br> 🌹जब चाहती है आकर <br> मिलती है हमसे तू ,<br

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सफलता का स्वाद

31 दिसम्बर 2021
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<p>🌹जीवन में सफलता का<br> चखना है अगर स्वाद, <br> <br> 🌹बोते रहिए बीज,<br> मेहनत के दिन-रात।<br> <br> 🌹घनघोर अंधेरे के बाद ही,<br> आती है सुंदर भोर,<br> <br> 🌹थामे रखिए हाथों में, <br> मेहनत की बस

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खट्टी मीठी यादें

31 दिसम्बर 2021
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<p>🌹मिला था एक दिन <br> वह मुझको ख़्वाब में <br> कुछ खट्टी कुछ मीठी<br> यादें हैं उसकी मेरे पास में <br> <br> 🌹कह रहा था रोज़ <br> यूं ही मिला करो<br> कुछ अपने दिल की <br> कभी मेरी सुना करो <b

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आने वाले कल

1 जनवरी 2022
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आने वाले कल दुनिया को तुझसे उम्मीद बहुत है...!

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आंगन में चारपाई

1 जनवरी 2022
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याद आ गई मुझको मेरे गांव की ताई वो बड़ी सी हवेली आंगन में चारपाई ,                            

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खुशियां हज़ार

1 जनवरी 2022
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🌸आने वाला कल आएगा ज़रूर खुशियां हज़ार जीवन में लाएगा ज़रूर....

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हम दोनों का संसार

1 जनवरी 2022
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🌹मैं हूं तेरी तू है मेरा, चलते रहेंगे मिलकर साथ एक दूजे बिन कुछ नहीं हम दोनों का संसार….हम…....!

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शेर

1 जनवरी 2022
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भीड़ में जो आगे आकर लड़ जाता है मौत से, शख़्स वही जगमगाता है पन्नों में इतिहास के। स्वरचित रचना सय्यदा----✍️ ----------🌹🌹🌹------------

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तुम आओगे ज़रूर

2 जनवरी 2022
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🌸गोधूलि की बेला है‌ तुम्हारा है इंतज़ार, और मैं सोचती हूं तुम आओगे ज़रूर हां तुम ......!

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मेरी सहेली

2 जनवरी 2022
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🌹बहुत प्यारी सी थी वह मेरी सहेली रह गई थी मगर वह घर में अकेली।

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मैं रहती हूं जहां

6 जनवरी 2022
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🌹मैं रहती हूं जहां बहुत ही ख़ूबसूरत और हसीन रहता है यहां का समा। 🌹पहाड़ों घाटियों और झरनों से घिरा मोह लेता है यह दिल सबका सदा। 🌹दिखता है यहां से मसूरी का नज़ारा जगमग करता मसूरी का शहर सारा

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एक पुराना मकान

7 जनवरी 2022
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तुम चाहे जाओ कहीं मगर हम रहेंगे यहीं हमारी ज़िंदगी भर का सरमाया यह मकान ही तो है। यह चिराग़ हैं इस घर के कहा था तेरे दादा ने कभी मैं रोशन करुंगा इस घर को इन्होंने  वादा किया था तभी। तुम चाहे जाओ क

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हम खा रहे थे गोलगप्पे

8 जनवरी 2022
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😃हम खा रहे थे गोलगप्पे बैठकर उनके साथ में ,और वह मुस्कुरा रहे थे हम को देखकर अपने पास में। 🤕🤕हंसी मज़ाक के बीच कब वह अपने हो गए, देखने लगे थे हम ख़्वाब रहने का उनके  साथ में।

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रविवार की सुबह

9 जनवरी 2022
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रविवार की सुबह है आज तो सोने दो मेरे यार चाय परांठा जो कुछ भी है बना लो अपने आप। 😔😔 रोज़ पका पका कर नाश्ता तंग आ चुकी हूं मैं आज तुम संभालो किचन छुट्टी मना रही हूं मैं। 🙈🙈 और हां डार्लिंग बच्चों

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होते हुए मानव

10 जनवरी 2022
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मैं होते हुए भी मानव देख रहा हूं अन्याय को, शेष बचा ही क्या है अब मेरे पशु हो जाने में।                स्वरचित रचना सय्यदा----✒️           -----------🌹🌹-------------

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विरहा गीत

11 जनवरी 2022
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😃😃 गाय हमने जब गीत विरह के एक दिन 😔😔 घबरा गए थे सुनकर वह बैठे पास आकर 😞😞 क्यों इतना रो रही हो..? हमें छोड़ कर क्या किसी और की हो गई हो...? 😓😓 हमने कहा जवाब में

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विरह गीत

12 जनवरी 2022
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😃😃 गाय हमने जब गीत विरह के एक दिन 😔😔 घबरा गए थे सुनकर वह बैठे पास आकर 😞😞 क्यों इतना रो रही हो..? हमें छोड़ कर क्या किसी और की हो गई हो

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ख़्याल रखो अपना

12 जनवरी 2022
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यात्रा विदेश की मैं क्यों करके आऊं भला ख़तरा ओमीक्रोन का वहां फैला हुआ पड़ा। अपने ही घर में छुप कर अब बैठी हुई हूं मैं संक्रमित हो रहा है देश बहुत डर रही हूं मैं। सेकंड लहर करोना की बहुत कुछ लें गई

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परी लोक

13 जनवरी 2022
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घूमना चाहती हूं मैं परी लोक में किसी मिलना चाहती हूं वहां की परियों से सभी बचपन में सुनी थी मैंने परियों की कथा खूबसूरत लगती थी मुझे उनकी हर एक अदा। ,

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मकर संक्रान्ति

14 जनवरी 2022
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🌹आपके संग हम भी मकर संक्रांति मना रहे हैं, रेवड़ियों संग  मूंगफली हम भी ख़ूब खा रहे हैं। -------🌹-------

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चिठ्ठी पति के नाम

14 जनवरी 2022
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जब से गए हो परदेस ख़बर कोई मिली नहीं है। कैसे हो तुम वहां पर हमको पता नहीं है। मेहंदी मेरे हाथों की तुझको बुला रही है। रह-रह कर याद तेरी मुझको सता रही है।

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मन खिन्न है उदास है

15 जनवरी 2022
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मन खिन्न है उदास है बेक़रार है । भरोसे को उसने हमारे रौंद दिया है। दिखा के सब्ज़ बाग़ उसने हमको छला है। अन्याय हमारे साथ खुलेआम हुआ है,,,

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हे स्वर कोकिला भारत रत्न...

6 फरवरी 2022
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हे स्वर कोकिला भारत रत्न तुमको शत-शत नमन अपनी आवाज़ से जीता है तुमने दुनिया का मन हे स्वर कोकिला.... याद में तुम्हारी तड़पे  है आज दुनिया का मन रो-रोकर हाल बुरा है हर आंख हो गई है नम हे स्वर कोकिला

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गुलाब जैसा प्यार

7 फरवरी 2022
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गुलाब जैसा प्यार है मेरा तुम्हारा,गुलाब जैसे ही महकेगा सदियों तक यह वादा है हमारा। दूर रहो या पास ख़ुशबू में इसकी न आए कमी, ना आए कमी महकता रहे, बस यूंही,बस यूंही। पूरी बगिया को हमने जांच परख कर प

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लुका छिपी

7 फरवरी 2022
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लुका छुपी के खेल से उकता गए हैं हम आ भी जाओ सामने थक  गये हैं हम उम्मीद का दिया  आंखों में जल रहा है आओगे ज़रूर यह यक़ीन  हो गया है। ज़्यादा देर खेल कोई खेल सकता नहीं आना पड़ेगा सामने छुपके रह सकत

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😃एक यादगार लम्हा

13 फरवरी 2022
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😞कब तक छुप छुप के यूं ही मिलते रहोगे, हम तुम्हारे हैं यह कहने से डरते रहोगे,☹️ एक दिन तो तुम्हें, सामने आना ही पड़ेगा, हम तुम्हारे हैं यह दुनिया को बताना ही पड़ेगा।🤔 रस्म ए वफा अब तक हमने निभाई बहुत

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सच्चा प्यार......

13 फरवरी 2022
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झूठा प्यार मैं तुमसे कर नहीं सकता सच क्या है यह भी बता नहीं सकता मुझे भूल जाओ तुम स्वप्न समझ कर किसी और की हो जाओ मुझे छोड़कर सच्चा प्यार दुनिया में मिलता कहां है, बस झूठ ही हर तरफ दिखता यहां है इत

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श्रद्धांजलि

14 फरवरी 2022
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पुलवामा के शहीदों , आपको कर रही हूं नमन, याद में आपकी आंखें भी, हमारी हो रहीं हैं नम, सलाम है उस मां को, खोए जिन्होने अपने सपूत है, नमन उन पत्नियों को , लुट गया जिनका सुहाग है, उन बच्चों की क्या कहूं

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वैलेंटाइन्स डे

15 फरवरी 2022
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आप सभी को वैलेंटाइन्स डे की ढेरों शुभकामनाएं 💐💐💐🌷🌷🌷🌹🌹🌹👍👍💐💐 परिवार संग हम खुशियां मना रहे हैं, हां हम वैलेंटाइन्स डे मना रहें हैं,,, रोज़ डे पर जो मिले थे फूल बेसन में डुबोकर, उनको हम प

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सुबह की नींद

16 फरवरी 2022
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सुबह की नींद जो औरत को मयस्सर होती, तो वह रात को कभी, जल्दी नहीं सोती , क्या पकाना है , क्या खिलाना है, और क्या लेकर, जाना है उन्हें यह इंतजाम वह , रात को कभी , करके नहीं सोती सुबह की नींद, जो  हम और

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कमसिन तितलियां

17 फरवरी 2022
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खूबसूरत, हसीन, कमसिन,तितलियां, रंग- बिरंगे लिबसों में सजी कॉलेज के प्रांगण में मिल जायेंगी  खड़ी, खूबसूरत हसीन , फूलों से भरा , बगीचा भी कॉलेज में , होता है सदा, सुंदर खुशबू से भरे , फूलों को तितलिया

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अंधेरे में एक साया,,,

19 फरवरी 2022
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जब कभी भी कहीं गुम होने लगती हूं मैं रास्ता सूझता नहीं और खोने लगती हूं मैं अच्छा बुरा मुझे समझाने के लिए अंधेरे में एक साया आता है राह दिखाने के लिए।      उसकी रोशनी होती है सबके लिए       वह आता नही

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दोस्त

20 फरवरी 2022
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अजीब शैय है उस दोस्त से मेरी दोस्ती बिन कहे समझ जाता है जज़्बात को मेरे कह दूं कुछ तो चिढ़ मचती है उसको बड़ी,,। मिलता है जब भी वो झगड़ता है मुझसे, मिलने से करदूं मना तो मानता भी नहीं। कहता है तू दो

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आज़ादी का अमृत महोत्सव

4 अगस्त 2022
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🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 आज़ादी का मैं आज  अमृत महोत्सव मना रही हूं स्वतन्त्रता के  क़िस्से मैं सुन सुन कर ही  बड़ी हुई हूं। सुखदेव भगत सिंह और  अशफ़ाक उल्ला खां को हृदय से नमन कर रही हूं वो द

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जातीय हिंसा

17 अगस्त 2022
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कल रात नींद मुझे देर तक नहीं आई लेटी हुई  बिस्तर पर और सोच रही थी अपने आप से सवाल कुछ पूछ रही थी जांत पांत ऊंच-नीच आख़िर क्यों बनाई शक्ल एक है, रुप एक है, रंग भी एक है, यहां तक की रगों में ब

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ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा

22 अगस्त 2022
5
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कभी ऑनलाइन तो, कभी ऑफलाइन शिक्षा का आजकल बच्चे चख रहें हैं स्वाद, हम ही थे बस ऐसे जो , रोज़ स्कूल जा जाकर हुए थे बेहाल दोस्तों के संग बैठ के पढ़ना  एक दूसरे के साथ मिलकर खेलना  और शे

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बाॅयकाॅट कल्चर

23 अगस्त 2022
5
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हर चीज़ का करो बाॅयकाॅट अच्छी नहीं है दोस्तों ये बात बाॅयकाट कल्चर  का जब से समाज में हुआ है बोलबाला बुराई की जगह अच्छाई का सब जगह मुंह हो रहा  काला बाॅयकाट करना है अगर ज़रुरी तो  दिलों

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