🌹मैं रहती हूं जहां बहुत ही ख़ूबसूरत
और हसीन रहता है यहां का समा।
🌹पहाड़ों घाटियों और झरनों से घिरा
मोह लेता है यह दिल सबका सदा।
🌹दिखता है यहां से मसूरी का नज़ारा
जगमग करता मसूरी का शहर सारा
🌹बर्फ ढके पहाड़ और ऊंची चोटियां
हरे भरे खेत,चकोतरे से लदी ठेलियां
🌹 चांदनी में नहाया दूधिया आसमा
सर्द हवाएं लुभाती है दिल को यहां
🌹सहस्त्रधारा में रहती है भीड़ सदा
गुच्चूपानी का यहां अपना ही मज़ा
🌹बुद्धा पार्क भी यहां लगता है हंसी
एफ आर आई बिल्डिंग फूलों भरी,
🌹दरबार साहब भी है अनोखा बड़ा
देहरादून नाम इसका इसी से पड़ा
🌹पलटन बाज़ार का अपना है मज़ा
पढ़े लिखे नौजवानों से रहता भरा
🌹जिंदगी यहां की बहुत ही आज़ाद है
गाती, गुनगुनाती,खिलखिलाती सदा
🌹एक ओर मसूरी है, पोंटा साहिब यहां
दूसरीओर ऋषिकेश, हरिद्वार है खड़ा
🌹खुशकिस्मत हूं मैं बहुत जो रहती हूं यहां
घाटियों के बीच बसा एक शहर है जहां
🌹हां घाटियों के बीच एक शहर है जहां
वहीं पर बनाया है हमने अपना आशियां
🌹मौलिक रचना
सय्यदा खा़तून,, ✍️