जब कभी भी कहीं गुम होने लगती हूं मैं
रास्ता सूझता नहीं और खोने लगती हूं मैं
अच्छा बुरा मुझे समझाने के लिए अंधेरे में
एक साया आता है राह दिखाने के लिए।
उसकी रोशनी होती है सबके लिए
वह आता नहीं अकेला मेरे लिए।
ताकत उसकी पहचानो
अंधेरे से ना घबराओ
हाथ उसका थामो
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मौलिक रचना सय्यदा खा़तून,, ✍️
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