यात्रा विदेश की मैं क्यों करके आऊं भला
ख़तरा ओमीक्रोन का वहां फैला हुआ पड़ा।
अपने ही घर में छुप कर अब बैठी हुई हूं मैं
संक्रमित हो रहा है देश बहुत डर रही हूं मैं।
सेकंड लहर करोना की बहुत कुछ लें गई है
घाव सीने पर हर किसी के वो बहुत दे गई है।
ख़्याल रखो अब अपना सब मेरे प्यारे दोस्तों
विदेश यात्रा पर तो अभी भूलकर भी न जाना।
दुआ कर रही हूं मैं तो बस यही अपने ख़ुदा से
बचा ले दुनिया को तू अब तो इस वबा से......!
मौलिक रचना
सय्यदा खा़तून,, ✍️
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