बिटिया के विवाह के लिए सभी मित्रों ने शुभकामनाएँ प्रेषित कीं, सभी की ह्रदय से आभारी हूँ | बेटियाँ जितना सुख, जितना स्नेह, जितना सम्मान माता पिता को देती हैं उसके सामने संसार की सारी खुशियाँ, सारे सम्मान वास्तव में फीके पड़ जाते हैं | वही लाडली जब अपने मनमीत से मिलती है तो माता पिता के पास उसे भेंट करने के लिए आशीषों का ही उपहार होता है | आज ज़रा सा वक़्त मिला विवाह की भाग दौड़ से सौभाग्यवती बिटिया के लिए मन में उमड़े भाव कागज़ पर उतर आए…
प्यारी बिटिया तुमसे घर में खुशियों के ये कमल हैं खिलते |
और तुम्हारी मुस्कानों से दीवाली के दीप हैं जलते ||
होली के रंगों में तेरी मस्ती से ही रंग हैं भरते |
और सावन की मल्हारों में तेरे ही मृदु भाव उभरते ||
तुम इठलातीं और मुसकातीं, मधुर स्वरों में गीत सुनातीं |
और कभी अठ खेल ी करतीं, उल्लासों के पुष्प खिलातीं ||
तुम चन्दा सी शीतल, धूप सुहानी भी तुम ही हो बिटिया |
तुम्हीं हमारा तुलसी बिरवा और तुम्हीं छत की गोरैया ||
हम दोनों की आँख का तारा, मान और सम्मान हमारा |
मन के नेह वृक्ष का बिटिया तुम्हीं एक आधार हमारा ||
आज मधुर ये दिन है आया, पर मन कैसा है उलझाया |
समझ न पाएँ क्या दें तुमको, मन दुवधा में है भरमाया ||
कम्पित कर से कम्पित स्वर से, मधुमय रसमय मनवीणा से |
कोमल लय कोमल पुकार से तुमको दें आशीष सदा हम ||
सुखी रहो जीवन भर, हर पल उल्लासों के पुष्प खिले हों |
प्रेमगीत की तान सुरीली तुम हर पल दोहराती जाओ ||
झिलमिल तारे आँगन नाचें, चन्दा झाँझ बजाता आए |
शहनाई में सुर फूँके रवि, गन्ध समीर लुटाता आए ||
हर दिन प्रेमपगा हो, संझा खुशियों का संदेसा लाए |
और तुम्हारी मधु मुसकानों से सबही का मन हर्षाए ||