अक्षय तृतीया – ॐ जमदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नो परशुराम: प्रचोदयात ।
भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम जी की जयन्ती
अक्षय तृतीया – जिस दिन जैनियों के आदि तीर्थंकर ऋषभदेव ने अपने एक वर्ष के उपवास का पारायण किया था और जिसके उपलक्ष्य में आज भी भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा का अभिषेक किया जाता है
अक्षय तृतीया – जिस दिन वेदव्यास ने आदि महाकाव्य महाभारत की रचना आरम्भ की थी
अक्षय तृतीया – जिस दिन बद्रीनाथ और केदारनाथ के कपाट खुल जाते हैं और यात्रा का आरम्भ हो जाता है
अक्षय तृतीया – मान्यता है कि भारतीय काल गणना के सिद्धान्त से अक्षय तृतीया के दिन ही त्रेता युग का आरम्भ हुआ था और इसीलिए भी इस तिथि को सर्वार्थसिद्ध तिथि माना जाता है – युगादि तिथि
अक्षय तृतीया – और सबसे बड़ी बात ये कि अक्षय अर्थात जिसका कभी क्षय – नाश – न हो, इसीलिए इस दिन किसी भी नवीन कार्य का आरम्भ शुभ माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि इस दिन आरम्भ किया गाया कार्य सदा शुभ फलदायी होगा तथा कभी नष्ट नहीं होगा
अक्षय तृतीया – ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात
श्री लक्ष्मी-गणेश की उपासना के पर्व इस अक्षय तृतीया की सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ
हम सभी के जीवन में अखण्ड सुख समृद्धि बनी रहे तथा हर कार्य में सफलता प्राप्त हो
इसी कामना के साथ सभी को आज का शुभ प्रभात