तू मेरे साँसों की सरगम, मन वीणा की तू ही रागिनी |
तुझसे ही जीवन में खुशियों की बजती है मधुर रागिनी ||
तुझको पाकर धन्य हुई मैं, पूर्ण हुई और तृप्त हुई मैं |
तुझमें अपना रूप देखकर सदा ख़ुशी से मस्त हुई मैं ||
तेरी मुस्कानों से ही तो जीवन उजियाला है मेरा |
और तेरी साँसों से हर पल घर ये महकाता है मेरा ||
तू ही मेरे दिल की धड़कन, आँखों का काजल भी तू ही |
सपने में देखा था जिसको ऐसी मेरी गुड़िया तू ही ||
तुझसे ही होली है मेरी, और दिवाली भी तुझसे ही |
सारी पूजा और अर्चना मेरी सजती है तुझसे ही ||
ओ मेरी नन्ही सी गुड़िया आज हो गई तनिक बड़ी तू |
तुझ पर मुझको गर्व सदा है, आगे बढ़ती रहे सदा तू ||
प्यारी बिटिया, जब तुम बच्ची थीं तो तुम्हें पालने का सुख असीम था | आज बड़ी होकर तुम बन गई हो अपनी माँ और बाबा दोनों की हमराह | हम दोनों को सदा तुम पर गर्व है बेटी | तुम्हारे कारण सदा हमारा मान बढ़ा है | तुम सदा ऐसी ही नेक इन्सान बनी रहो जो सदा सबका हित सोचती है, तुम्हारे सारे सपने सच हों, जीवन की सारी खुशियाँ तुम्हारी झोली में हों, और तुम सदा अपने कर्तव्य मार्ग पर आगे ही आगे बढ़ती जाओ, बस ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं… कल तुम एक और नए साल में प्रवेश करोगी… तुम्हारे जन्मदिवस पर ढेर सारा प्यार भरा आशीर्वाद बिटिया…