सुना था मैंने, ईश्वर है हर जगह |
सोचा मैंने “क्यों नहीं सुन पाती उसका मधुर गान ?”
उत्तर मिला अपने भीतर से ही
“क्योंकि हमेशा करती हूँ प्रयास
सुनने का उस मधुर गान को |”
और प्रयास ले जाते हैं दूर लक्ष्य से |
अपने इस प्रयास में
सुनती हूँ मैं ध्वनियाँ
ध्वनियाँ, परिचित और अपरिचित
ध्वनियाँ, डालती हुई व्यवधान मेरी एकाग्रता में
ध्वनियाँ, करती हुई मुझे आकर्षित
ध्वनियाँ, संगीतमय, कोलाहलमय
तब एक दिन पहुँच गई अपने भीतर
हो गई लीन
अपने मन के सागर की लहरों की
मधुर स्वरलहरियों में |
और हो गई ध्वनिहीन, मौन
समाप्त हो गया मेरा सारा प्रयास
सुनने को ईश्वर का वह मधुर गान
और तब सुनाई दी
वंशी की वह मधुर ध्वनि
जो थी निराकार, शाश्वत, चिरन्तन…
• कवियित्री, लेख िका, ज्योतिषी | ज्योतिष और योग से सम्बन्धित अनेक पुस्तकों का अंग्रेज़ी से हिन्दी में अनुवाद | कुछ प्रसिद्ध मीडिया कम्पनीज़ के लिये भी लेखन | प्रकाशित उपन्यासों में अरावली प्रकाशन दिल्ली से देवदासियों के जीवन संघर्षों पर आधारित उपन्यास “नूपरपाश”, भारत के मध्यमवर्गीय परिवारों में नारियों के संघर्षमय जीवन की झलक प्रस्तुत करता भारतीय पुस्तक परिषद् दिल्ली से प्रकाशित उपन्यास “सौभाग्यवती भव” और एशिया प्रकाशन दिल्ली से स्त्री पुरुष सम्बन्धों पर आधारित उपन्यास का प्रथम भाग “बयार” विशेष रूप से जाने जाते हैं | साथ ही हिन्दी अकादमी दिल्ली के सौजन्य से अनमोल प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित “मेरी बातें” नामक काव्य संग्रह भी पाठकों द्वारा काफी पसन्द किया गया |
• WOW (Well-Being of Women) India नामक रास्ट्रीय स्तर की संस्था की महासचिव के रूप में क्षेत्र की एक प्रमुख समाज सेविका |
• सम्पर्क सूत्र: E-mail: katyayanpurnima@gmail.com
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