सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोsस्तुते ।।
आज अष्टमी तिथि है, आठवाँ नवरात्र | आज महागौरी की पूजा अर्चना सबने की है | देवी का आठवाँ रूप है महागौरी का | माना जाता है कि महान तपस्या करके इन्होने अत्यन्त गौरवर्ण प्राप्त किया था | इस रूप में भी चार हाथ हैं और माना जाता है इस रूप में ये एक बैल अथवा श्वेत हाथी पर सवार रहती हैं | दो हाथों में त्रिशूल और डमरू हैं | दो हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में हैं | यह रूप अत्यन्त सात्विक रूप है और माता पार्वती का उस समय का रूप माना जाता है जब उन्होंने हिमपुत्री के रूप में शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिये घोर तपस्या की थी |
श्वेते वृषे समारुढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दघान्महादेवप्रमोददा॥
• कवियित्री, लेख िका, ज्योतिषी | ज्योतिष और योग से सम्बन्धित अनेक पुस्तकों का अंग्रेज़ी से हिन्दी में अनुवाद | कुछ प्रसिद्ध मीडिया कम्पनीज़ के लिये भी लेखन | प्रकाशित उपन्यासों में अरावली प्रकाशन दिल्ली से देवदासियों के जीवन संघर्षों पर आधारित उपन्यास “नूपरपाश”, भारत के मध्यमवर्गीय परिवारों में नारियों के संघर्षमय जीवन की झलक प्रस्तुत करता भारतीय पुस्तक परिषद् दिल्ली से प्रकाशित उपन्यास “सौभाग्यवती भव” और एशिया प्रकाशन दिल्ली से स्त्री पुरुष सम्बन्धों पर आधारित उपन्यास का प्रथम भाग “बयार” विशेष रूप से जाने जाते हैं | साथ ही हिन्दी अकादमी दिल्ली के सौजन्य से अनमोल प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित “मेरी बातें” नामक काव्य संग्रह भी पाठकों द्वारा काफी पसन्द किया गया |
• WOW (Well-Being of Women) India नामक रास्ट्रीय स्तर की संस्था की महासचिव के रूप में क्षेत्र की एक प्रमुख समाज सेविका |
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