मर्द
शायद डरते हैं कि अगर औरतों ने भी आसमान को छू लिया तो उनकी पुरुष प्रधान सत्ता का क्या होगा | नारी पुरुष की सहचर
है, सहगामी है, संगी और साथी है, और उसकी क्षमताएँ कहीं भी पुरुष से कम नहीं हैं |
सेवा और त्याग का जीता जागता उदाहरण है नारी | प्रकृति ने जिस प्रकार आत्मिक शक्ति
से परिपूर्ण नारी को बनाया है, पुरुषों में वैसी आत्मिक शक्ति प्रायः कम ही दीख पड़ती
है |
नारी उतनी ही
स्वच्छन्द है जितनी खुले आकाश में अपने पंख फैलाती कोई गोरैया | यों बड़ों के संसार में गोरैया का या चिड़ियों
का होना ना होना कोई अर्थ नहीं रखता, पर
बच्चों के लिये रखता है | गोरैया – एक छोटी सी चिड़िया - अपनी नियति के
साथ प्रसन्न रह सकती है, उदास होना उसे नहीं आता, उस स्थिति में भी जबकि उसे पता होता है कि बाज घात लगाए बैठा है | वो
हर स्थिति में बस अपनी स्वच्छन्द उड़ान को गति और स्वच्छन्द
गान को लय देती रहती है | हम उसका घोसला
उजाड़ सकते हैं, उसके पैर बाँध बच्चों के लिये खिलौना
बना सकते हैं, उसके पंख काट पिंजरे में क़ैद कर सकते
हैं, फिर भी वो हमारे आगे हाथ नहीं जोड़ती, हमारे पाँव नहीं
पड़ती, हमसे दया की भीख नहीं माँगती |
औरत
की भी तो यही स्थिति है | पाँव
उसके पाताल में गहरे पैठे होते हैं तो हाथ आकाश की ऊंचाइयों
को छू रहे होते हैं | अपनी उँगलियों की पोरों में वो चाँद
सितारों के साथ आँख मिचौली खेल रही होती है | यही
कारण है कि उसकी ओर ललचाई दृष्टि से देखने वाला
पुरुष उसे अपनी मिल्कियत समझ सहेजना चाहता है | वह वृक्ष के मूल की भाँति सदैव ज़मीन से जुड़ी होती है | पानी
की भाँति तरल होती है | पाताल के सामान गहरी होती है तो पर्वत
सी ऊँची भी होती है | सम्पूर्ण पृथिवी
नारीरूपा है और हर नारी पृथिवीरूपा,
जो तरह तरह के शारीरिक और मानसिक बोझ ढोकर भी टूटती नहीं, दरकती
नहीं | निरन्तर ऊर्जा से ओत प्रोत, कभी
अमृत कलश ले देवों और दानवों के भाग्य का निर्माण करती है तो कभी अनसूया की भाँति तीनों देवों की माता भी बन जाती है |
मेरे उपन्यास बयार से – प्रकाशक
एशिया पब्लिशर्स, ए ३६, चेतक
अपार्टमेंट्स, सेक्टर ९, रोहिणी, दिल्ली-८५
https://purnimakatyayan.wordpress.com/2016/08/06/
4 जुलाई 1955 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जन्म | शिक्षा दीक्षा उत्तर प्रदेश के ही जिला बिजनौर के नजीबाबाद में सम्पन्न |
शिक्षा दीक्षा : संस्कृत तथा तबला में पोस्ट ग्रेजुएशन, गायन तथा कत्थक में ग्रेजुएशन, गुरु शिष्य परम्परा में गायन-तबला तथा जयपुर घराने के कत्थक की शिक्षा, भारतीय दर्शन में पी एच डी |
आकाशवाणी नजीबाबाद से उदघोषण, संगीत संयोजन, लेखन, संगीत रूपक इत्यादि विधाओं के चलते 7 वर्ष तक जुड़ाव | इस बीच लगभग पाँच वर्ष तक रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय और गढ़वाल विश्वविद्यालयों में संस्कृत अध्यापन |
1983 से विवाह के बाद से आज तक ज्योतिष और योग से सम्बन्धित अनेक पुस्तकों का हिन्दी अनुवाद, साथ ही 35 वर्षों से भी अधिक के अनुभव के साथ एक लब्ध प्रतिष्ठ ज्योतिषी |
कुछ प्रसिद्ध मीडिया कम्पनियों के लिए भी लेखन कार्य | लगभग दस वर्षों तक दूरदर्शन के प्रिव्यू पैनल पर एक्सपर्ट के रूप में कार्य |
प्रकाशित कार्य:
• बचपन से ही लेखन में गहन रूचि के कारण अनेक पत्र पत्रिकाओं में लेख लिखने का सौभाग्य |
• 2006 में अरावली प्रकाशन दिल्ली से देवदासियों के जीवन संघर्षों पर आधारित उपन्यास “नूपुरपाश” प्रकाशित |
• 2006 में ही व्यक्तिगत और सामाजिक अनुभवों पर आधारित प्रथम काव्य संग्रह “मेरी बातें” हिन्दी अकादमी दिल्ली के सौजन्य से अनमोल प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित |
• भारत के मध्यमवर्गीय परिवारों में नारियों के संघर्षमय जीवन की झलक प्रस्तुत करता उपन्यास “सौभाग्यवती भव” नाम से 2008 में भारतीय पुस्तक परिषद दिल्ली से प्रकाशित |
• बयार के समान उन्मुक्त भाव से प्रवाहित होती निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसर रहती महिलाओं पर ही आधारित उपन्यास “बयार” 2015 में एशिया पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित |
सम्प्रति:
• स्त्री-पुरुष के सम्बन्धों पर आधारित उपन्यास “विरक्त” शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है |
• अन्य अनेकों संस्थाओं की महासचिव रहने के बाद सम्प्रति WOW (Well-Being of Women) India नामक राष्ट्रीय स्तर की संस्था की महासचिव के रूप में क्षेत्र की एक प्रमुख समाज सेविका |
संपर्क सूत्र: 302, कानूनगो अपार्टमेंट, 71 इन्द्रप्रस्थ विस्तार, दिल्ली –92,
मोबाइल: 7042321200
वेबसाइट : https://www.astrologerdrpurnimasharma.in/
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