(एक रचना “चेहरों की क़िताब” के स्मृति पटल से)
(A poem from the memory of fecebook)
श्वास श्वास में गीत तुम्हारा, हर धड़कन में नाम तुम्हारा
मलय पवन की हरेक छुअन में मिलता है स्पर्श तुम्हारा ||
तुमसे ही जीवन में गति है, मन में तुमसे ही लय भरती
भावों के ज्योतित दीपक में एक भरा बस नेह तुम्हारा ||
सावन की मधु बरसातों में, पावस की मीठी रातों में
इन्द्रधनुष के सप्तरंग में भरा हुआ अनुराग तुम्हारा ||
सूरज की तपती किरणों ने तुमसे ही ये दाहकता ली
चन्दा की इस शुभ्र ज्योत्स्ना में भी है मधु हास तुम्हारा ||
तुमसे मिलकर रजनीगन्धा शरमाती, निज शीश झुकाती
चम्पा और चमेली में है भरा हुआ आह्लाद तुम्हारा ||
मेरे व्याकुल नयन निरखते तुमही को हर कण हर पल में
क्यों न कहो फिर ह्रदय पटल पर लिख कर रक्खूँ नाम तुम्हारा ||
• कवियित्री, लेख िका, ज्योतिषी | ज्योतिष और योग से सम्बन्धित अनेक पुस्तकों का अंग्रेज़ी से हिन्दी में अनुवाद | कुछ प्रसिद्ध मीडिया कम्पनीज़ के लिये भी लेखन | प्रकाशित उपन्यासों में अरावली प्रकाशन दिल्ली से देवदासियों के जीवन संघर्षों पर आधारित उपन्यास “नूपरपाश”, भारत के मध्यमवर्गीय परिवारों में नारियों के संघर्षमय जीवन की झलक प्रस्तुत करता भारतीय पुस्तक परिषद् दिल्ली से प्रकाशित उपन्यास “सौभाग्यवती भव” और एशिया प्रकाशन दिल्ली से स्त्री पुरुष सम्बन्धों पर आधारित उपन्यास का प्रथम भाग “बयार” विशेष रूप से जाने जाते हैं | साथ ही हिन्दी अकादमी दिल्ली के सौजन्य से अनमोल प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित “मेरी बातें” नामक काव्य संग्रह भी पाठकों द्वारा काफी पसन्द किया गया | • WOW (Well-Being of Women) India नामक रास्ट्रीय स्तर की संस्था की महासचिव के रूप में क्षेत्र की एक प्रमुख समाज सेविका | • सम्पर्क सूत्र: E-mail: katyayanpurnima@gmail.com
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