Astrology – Science of possibilities
सम्भावनाओं का वि ज्ञान ज्योतिष
“There is no better boat than your Janam Kundali to help you cross over the sea of life.”—Acharya Varaha Mihira
ज्योतिष एक ऐसा विज्ञान है जो मनुष्य और सौरमण्डल के मध्य सम्पर्क स्थापित करता है | इसके द्वारा राशियों तथा ग्रह नक्षत्रों की स्थिति और गोचर आदि पर विचार करके निश्चित करने का प्रयास किया जाता है कि मनुष्य तथा प्रकृति पर इस सबका क्या प्रभाव पड़ सकता है | एक प्रकार से ज्योतिष विद्या द्वारा आकाश में स्थित ग्रहों नक्षत्रों आदि की गति और दूरी आदि का निश्चय करके मनुष्य तथा प्रकृति पर होने वाले इनके प्रभावों के विषय में जानने का प्रयास किया जाता है | इसे इस प्रकार भी समझा जा सकता है की सम्भावित वास्तविकताओं की ओर इंगित करता हुआ ईश्वरेच्छा के प्रति समर्पित विज्ञान ज्योतिष कहलाता है | एक ऐसी भाषा जो यदि समझ में आ जाए तो आकाशीय ग्रह नक्षत्र हमारे साथ वार्तालाप करने लग सकते हैं | हम जिस स्थान पर और जिस घड़ी में इस पृथिवी नामक ग्रह पर जन्म लेते हैं – या यों कहिये कि परमात्मा के अत्यन्त सूक्ष्म से भी सूक्ष्मतम अणु के रूप में जिस घड़ी जिस स्थान पर हम अवतरित होते हैं – उस समय और उस स्थान का प्रभाव हम पर अवश्य पड़ता है, और एक Vedic Astrologer ज्योतिषीय सूत्रों के आधार पर उसी प्रभाव को हमारे समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास करता है |
मनुष्य का स्वभाव है कि वह हर घटना के विषय में जानना चाहता है कि जो कुछ हो रहा है वह क्या हो रहा है, क्यों हो रहा है, कैसे हो रहा है, कब तक होगा तथा भविष्य में क्या होगा | इन सभी के सम्भावित उत्तर ज्योतिष के द्वारा उपलब्ध होते हैं | इस प्रकार ज्योतिष विज्ञान मौसम विज्ञान की भाँति ही सम्भावनाओं का विज्ञान है | मौसम विभाग द्वारा भविष्यवाणी की जाती है कि अमुक दिन वर्षा हो सकती है, तो हम बाहर निकलते समय छाता ले लेते हैं ताकि बारिश में भीगने से बच जाएँ | इसी प्रकार ज्योतिष सम्भावित घटनाओं की जानकारी हमें देता है | और सम्भावनाएँ ही उचित प्रयासों के द्वारा वास्तविकताओं में परिणत होती हैं | यदि सम्भावनाएँ ही नहीं होंगी तो प्रयास किसलिए किये जाएँगे ? यदि कुछ अच्छा घटने की सम्भावना होती है तो हम उसके लिए और अधिक उत्साहित होकर प्रयास आरम्भ कर देते हैं, किन्तु यदि कुछ प्रतिकूल सम्भावना भी होती है तो उस ओर से सावधान भी होने का प्रयास करते हैं ताकि हानि कम से कम हो | जो लोग समझते हैं कि ज्योतिष के फलकथन के द्वारा हम अपने भाग्य को बदल सकते हैं वे ग़लत सोचते हैं | हमारा भाग्य हम स्वयं अपने कर्म द्वारा निर्मित करते हैं, किन्तु कर्मरत रहते हुए जो बाधाएँ सामने उपस्थित होती हैं उनके विषय में यदि कुछ जानकारी पहले से मिल जाए तो या तो बाधाओं से बचने का प्रयास हम कर सकते हैं, अथवा यदि बाधाओं से नहीं बचा जा सकता तो कष्ट का अनुभव उतना नहीं होता – क्योंकि हमें इस बात का सन्तोष रहता है कि हमने प्रयास तो किया | प्रयासों के द्वारा ही सफलता प्राप्त होती है |
मान लीजिये हम कहीं रास्ते पर जा रहे हैं | अचानक से एक गड्ढा मिलता है और हम उसमें गिर पड़ते हैं | परिणामस्वरूप हमारे कपड़े गन्दे हो सकते हैं | हमें चोट भी लग सकती है | हमारे हाथो से सारा सामान गिर कर बिखर सकता है | किन्तु यदि हमें पहले से कोई उस गड्ढे के विषय में बता देता है कि भाई उस जगह पर एक गड्ढा है वहाँ ज़रा संभल कर निकलना | तो क्या होगा ? या तो हम अपना मार्ग ही बदल लेंगे और किसी दूसरे मार्ग से चले जाएँगे – जहाँ के विषय में हमें पता होगा कि सड़क बिल्कुल साफ़ है | या, यदि गड्ढे वाला मार्ग ही एकमात्र मार्ग है अपने गन्तव्य तक पहुँचने का तो हम वहाँ सावधानीपूर्वक चलेंगे | या तो उस गड्ढे से बचकर निकलने का कोई उपाय खोजेंगे | और यदि ऐसा नहीं भी हो पाता है तो गड्ढे पर कुछ रखकर पुल जैसा बनाकर धीरे से उस पर से गड्ढा पार करेंगे | और यदि कुछ भी न कर सके तो कम से कम इतना तो कर ही सकेंगे कि धीरे धीरे गड्ढे में उतर कर उसे पार करें ताकि नुकसान कम से कम हो या हो ही नहीं |
इसी तरह, मान लीजिये हमें कहीं किसी आवश्यक मीटिंग के लिए जाना है | जाने से पूर्व टी वी ऑन करते हैं तो पता चलता है जिस रास्ते जाना था वह रास्ता तो किसी प्रदर्शन के कारण अथवा किसी अन्य कारण से बन्द कर दिया गया है | अब क्योंकि हमें घर से निकलने से पूर्व ही इस बात का पता चल जाएगा, तो हम कोई दूसरा ऐसा मार्ग अपने गन्तव्य तक जाने का खोजेंगे जो हमें साफ़ मिले और मीटिंग के लिए हम समय पर पहुँच जाएँ |
ये मात्र कुछ प्रतीकात्मक दृष्टान्त हैं इस बात के कि ज्योतिष द्वारा किया गया फल कथन केवल मात्र भविष्य कथन ही नहीं होता, अपितु हमारे लिए क्या श्रेष्ठ हो सकता है ताकि हम अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें, अथवा किस ओर जाने में परिश्रम करने के बाद भी फलप्राप्ति की सम्भावना कम है – इन बातों का बहुत कुछ आभास करा सकता है | यही लाभ है ज्योतिष का कि यह हमें उचित दिशा में प्रयास करते हुए कर्मरत रहना सिखाता है |
Astrology – Science of possibilities
सम्भावनाओं का विज्ञान ज्योतिष
“There is no better boat than your Janam Kundali to help you cross over the sea of life.”—Acharya Varaha Mihira
ज्योतिष एक ऐसा विज्ञान है जो मनुष्य और सौरमण्डल के मध्य सम्पर्क स्थापित करता है | इसके द्वारा राशियों तथा ग्रह नक्षत्रों की स्थिति और गोचर आदि पर विचार करके निश्चित करने का प्रयास किया जाता है कि मनुष्य तथा प्रकृति पर इस सबका क्या प्रभाव पड़ सकता है | एक प्रकार से ज्योतिष विद्या द्वारा आकाश में स्थित ग्रहों नक्षत्रों आदि की गति और दूरी आदि का निश्चय करके मनुष्य तथा प्रकृति पर होने वाले इनके प्रभावों के विषय में जानने का प्रयास किया जाता है | इसे इस प्रकार भी समझा जा सकता है की सम्भावित वास्तविकताओं की ओर इंगित करता हुआ ईश्वरेच्छा के प्रति समर्पित विज्ञान ज्योतिष कहलाता है | एक ऐसी भाषा जो यदि समझ में आ जाए तो आकाशीय ग्रह नक्षत्र हमारे साथ वार्तालाप करने लग सकते हैं | हम जिस स्थान पर और जिस घड़ी में इस पृथिवी नामक ग्रह पर जन्म लेते हैं – या यों कहिये कि परमात्मा के अत्यन्त सूक्ष्म से भी सूक्ष्मतम अणु के रूप में जिस घड़ी जिस स्थान पर हम अवतरित होते हैं – उस समय और उस स्थान का प्रभाव हम पर अवश्य पड़ता है, और एक Vedic Astrologer ज्योतिषीय सूत्रों के आधार पर उसी प्रभाव को हमारे समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास करता है |
मनुष्य का स्वभाव है कि वह हर घटना के विषय में जानना चाहता है कि जो कुछ हो रहा है वह क्या हो रहा है, क्यों हो रहा है, कैसे हो रहा है, कब तक होगा तथा भविष्य में क्या होगा | इन सभी के सम्भावित उत्तर ज्योतिष के द्वारा उपलब्ध होते हैं | इस प्रकार ज्योतिष विज्ञान मौसम विज्ञान की भाँति ही सम्भावनाओं का विज्ञान है | मौसम विभाग द्वारा भविष्यवाणी की जाती है कि अमुक दिन वर्षा हो सकती है, तो हम बाहर निकलते समय छाता ले लेते हैं ताकि बारिश में भीगने से बच जाएँ | इसी प्रकार ज्योतिष सम्भावित घटनाओं की जानकारी हमें देता है | और सम्भावनाएँ ही उचित प्रयासों के द्वारा वास्तविकताओं में परिणत होती हैं | यदि सम्भावनाएँ ही नहीं होंगी तो प्रयास किसलिए किये जाएँगे ? यदि कुछ अच्छा घटने की सम्भावना होती है तो हम उसके लिए और अधिक उत्साहित होकर प्रयास आरम्भ कर देते हैं, किन्तु यदि कुछ प्रतिकूल सम्भावना भी होती है तो उस ओर से सावधान भी होने का प्रयास करते हैं ताकि हानि कम से कम हो | जो लोग समझते हैं कि ज्योतिष के फलकथन के द्वारा हम अपने भाग्य को बदल सकते हैं वे ग़लत सोचते हैं | हमारा भाग्य हम स्वयं अपने कर्म द्वारा निर्मित करते हैं, किन्तु कर्मरत रहते हुए जो बाधाएँ सामने उपस्थित होती हैं उनके विषय में यदि कुछ जानकारी पहले से मिल जाए तो या तो बाधाओं से बचने का प्रयास हम कर सकते हैं, अथवा यदि बाधाओं से नहीं बचा जा सकता तो कष्ट का अनुभव उतना नहीं होता – क्योंकि हमें इस बात का सन्तोष रहता है कि हमने प्रयास तो किया | प्रयासों के द्वारा ही सफलता प्राप्त होती है |
मान लीजिये हम कहीं रास्ते पर जा रहे हैं | अचानक से एक गड्ढा मिलता है और हम उसमें गिर पड़ते हैं | परिणामस्वरूप हमारे कपड़े गन्दे हो सकते हैं | हमें चोट भी लग सकती है | हमारे हाथो से सारा सामान गिर कर बिखर सकता है | किन्तु यदि हमें पहले से कोई उस गड्ढे के विषय में बता देता है कि भाई उस जगह पर एक गड्ढा है वहाँ ज़रा संभल कर निकलना | तो क्या होगा ? या तो हम अपना मार्ग ही बदल लेंगे और किसी दूसरे मार्ग से चले जाएँगे – जहाँ के विषय में हमें पता होगा कि सड़क बिल्कुल साफ़ है | या, यदि गड्ढे वाला मार्ग ही एकमात्र मार्ग है अपने गन्तव्य तक पहुँचने का तो हम वहाँ सावधानीपूर्वक चलेंगे | या तो उस गड्ढे से बचकर निकलने का कोई उपाय खोजेंगे | और यदि ऐसा नहीं भी हो पाता है तो गड्ढे पर कुछ रखकर पुल जैसा बनाकर धीरे से उस पर से गड्ढा पार करेंगे | और यदि कुछ भी न कर सके तो कम से कम इतना तो कर ही सकेंगे कि धीरे धीरे गड्ढे में उतर कर उसे पार करें ताकि नुकसान कम से कम हो या हो ही नहीं |
इसी तरह, मान लीजिये हमें कहीं किसी आवश्यक मीटिंग के लिए जाना है | जाने से पूर्व टी वी ऑन करते हैं तो पता चलता है जिस रास्ते जाना था वह रास्ता तो किसी प्रदर्शन के कारण अथवा किसी अन्य कारण से बन्द कर दिया गया है | अब क्योंकि हमें घर से निकलने से पूर्व ही इस बात का पता चल जाएगा, तो हम कोई दूसरा ऐसा मार्ग अपने गन्तव्य तक जाने का खोजेंगे जो हमें साफ़ मिले और मीटिंग के लिए हम समय पर पहुँच जाएँ |
ये मात्र कुछ प्रतीकात्मक दृष्टान्त हैं इस बात के कि ज्योतिष द्वारा किया गया फल कथन केवल मात्र भविष्य कथन ही नहीं होता, अपितु हमारे लिए क्या श्रेष्ठ हो सकता है ताकि हम अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें, अथवा किस ओर जाने में परिश्रम करने के बाद भी फलप्राप्ति की सम्भावना कम है – इन बातों का बहुत कुछ आभास करा सकता है | यही लाभ है ज्योतिष का कि यह हमें उचित दिशा में प्रयास करते हुए कर्मरत रहना सिखाता है |