आज Daughter’s day है, यानी बिटिया दिवस... सर्वप्रथम सभी को Daughter’s day की बधाई... आज एक बार अपनी उलझी सुलझी सी बातों के साथ आपके सामने हैं... हमारी आज की रचना का शीर्षक है तू कभी न दुर्बल हो सकती... अपनी आज की रचना प्रस्तुत करें उससे पहले दो बातें... हमारी प्रकृति वास्तव में नारी रूपा है... जाने कितने रहस्य इसके गर्भ में समाए हुए हैं… शक्ति के न जाने कितने स्रोत प्रकृति ने अपने भीतर धारण किये हुए हैं… जिनसे मानव मात्र प्रेरणा प्राप्त करता है... और जब सारी प्रकृति ही शक्तिरूपा है तो भला नारी किस प्रकार दुर्बल या अबला हो सकती है ? नारी हमेशा से सशक्त और स्वावलम्बी रही शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तरों पर, और आज की नारी तो आर्थिक स्तर भी पूर्ण रूप से सशक्त है… यहाँ तक कि आज की तारीख़ में उसे न तो पुरुष पर निर्भर रहने की आवश्यकता है न ही वह किसी रूप में पुरुष से कमतर है… पूरी रचना सुनने के लिए कृपया वीडियो देखें... कात्यायनी...