सर्वकामदुधे देवी सर्वतीर्थाभिषेचिनी, पावने सुरभि श्रेष्ठे देवि तुभ्यं नमोSस्तुते
आज गोपाष्टमी है – ब्रजभूमि का एक मुख्य पर्व | हिन्दू धर्म की मान्यता है कि “सर्वे देवाः स्थिता देहे सर्वदेवमयी हि गौ: |” अर्थात गाय के शरीर में समस्त देवी-देवताओं का वास होने से यह सर्वदेवमयी है | पद्मपुराण, भविष्य पुराण, स्कन्द पुराण तथा महाभारतआदि पुराणों के अनुसार गाय के समस्त अंगों में समस्त देवी देवताओं का वास होता है, अतः, गौ माता के दर्शन करने भर से समस्त देवी देवताओं के दर्शनों का पुण्य प्राप्त हो जाता है |
आयुर्वेद के अनुसार भी गौमूत्र अनेक असाध्य रोगों की चिकित्सा में उपयोगी माना गया है | इसके अतिरिक्त, पहले कच्चे घरों को गाय के गोबर से ही लीपा जाता था और इससे सभी प्रकार के मक्खी मच्छरों और दूसरे कीटाणुओं का नाश होता था | यज्ञ के लिए तथा रसोघरों में भोजन पकाने के लिए गाय के गोबर के बने उपले ही सबसे अधिक शुद्ध माने जाते थे | गाय का दूध, दही, घी न केवल यज्ञ-यागादि के लिए आवश्यक है अपितु अमृततुल्य भी माना जाता है |
अर्थात असंख्य गुण और उपयोगिताएँ गाय से उपलब्ध प्रत्येक वस्तु में पाई जाती हैं | यों पौराणिक तथा उसके भी पूर्व वैदिक काल से गौ की उपयोगिता का वर्णन प्राप्त होता है | पुराणों में मन्त्र उपलब्ध होते हैं:
घृतक्षीरप्रदा गावो घृतयोन्यो घृतोद्भवाः, घृतनद्यो घृतावर्तास्ता मे सन्तु सदा गृहे ||
घृतं मे हृदये नित्यं घृतं नाभ्यां प्रतिष्ठितम्, घृतं सर्वेषु गात्रेषु घृतं मे मनसि स्थितम् ||
गावो ममाग्रतो नित्यं गावः पृष्ठत एव च, गावो मे सर्वतश्चैव गवां मध्ये वसाम्यहम् ||
अर्थात्, नित्य प्रति दूध और घी उत्पन्न करने वाली, घृत की नदी स्वरूपा गौ मेरे घर में सदा निवास करें | मेरे हृदय में, मेरी नाभि में तथा मेरे समस्त शरीर में गौ का घृत सदा व्याप्त रहे, तथा मैं गौओ के मध्य ही निवास करूँ |
किन्तु गोपाष्टमी पर्व के माध्यम से गौ को पूज्य बताकर उनकी रक्षा के विधान का श्रेय जाता है भगवन श्री कृष्ण को | उन्होंने अनुभव किया कि ग्रामवासी इन्द्र की तो पूजा करते हैं – जिसे हम देख भी नहीं सकते, लेकिन अपने आस पास की वस्तुओं तथा प्रकृति की उपेक्षा करते हैं | तब उन्होंने प्रकृति का महत्त्व समझाने तथा उसके प्रति लोगों के मन में श्रद्धा भाव उत्पन्न करने के लिए गोवर्धन पूजा का आरम्भ किया और गायों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए तथा उनकी रक्षा के उद्देश्य से गोपाष्टमी का आरम्भ किया | वर्तमान में भारत में प्रायः सभी भागों में गोपाष्टमी का पर्व धूम धाम से मनाया जाता है |
गौ माता को नमन के साथ सभी को गोपाष्टमी की हार्दिक बधाई…