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पञ्चांग
शनिवार,
27 अक्टूबर 2018 – नई दिल्ली
विरोधकृत
विक्रम सम्वत 2075 / दक्षिणायन
करवाचौथ
व्रत की सभी महिलाओं को हार्दिक शुभकामनाएँ
सूर्योदय : 06:29 पर तुला में / स्वाति नक्षत्र
सूर्यास्त : 17:40 पर
चन्द्र राशि : वृषभ
चन्द्र नक्षत्र : कृत्तिका 08:19 तक, तत्पश्चात रोहिणी
तिथि : कार्तिक कृष्ण तृतीया 18:37 तक, तत्पश्चात कार्तिक
कृष्ण चतुर्थी / करक चतुर्थी / करवाचौथ व्रत
करण : वणिज 07:25 तक, तत्पश्चात विष्टि 18:37 तक, तत्पश्चात बव
योग : वरीयान 25:15 (अर्द्धरात्र्योत्तर 01:15)
तक, तत्पश्चात परिघ
राहुकाल : 09:20 से 10:41
यमगंड : 13:27 से 14:50
गुलिका : 06:29 से 07:53
अभिजित मुहूर्त : 11:42 से 12:26
अन्य : शुक्र तुला में वक्री एवम् अस्त
विशेष :
शनिवार 27 अक्टूबर को सायं छह बजकर सैंतीस मिनट तक तृतीया तिथि रहेगी
और उसके बाद चतुर्थी तिथि आ जाएगी जो अगले दिन सायं 04:54 तक रहेगी | लेकिन
करवाचौथ के व्रत का पारायण उस समय किया जाता है जब चन्द्रदर्शन के समय चतुर्थी
तिथि रहे | इसीलिए तृतीया में व्रत रखकर तृतीया-चतुर्थी के सन्धिकाल – प्रदोष काल
- में पूजा अर्चना का विधान है | कुछ स्थानों पर निशीथ काल – मध्य रात्रि – में भी
करवा चौथ की पूजा अर्चना की जाती है | 27 अक्टूबर को 18:37 तक तृतीया के साथ साथ
विष्टि करण अर्थात भद्रा भी रहेगी इसलिए सन्धिकाल में पूजा नहीं की जा सकती | पूजा
सायं 06:37 के बाद ही आरम्भ होगी | यद्यपि कुछ लोग जो भद्रा का विचार नहीं करते
उनकी मान्यता है कि सन्धिकाल में भी पूजा की जा सकती है | दिल्ली में चन्द्रदर्शन
का समय रात्रि 19:59 (रात्रि 8
बजे के लगभग) है | यों प्रायः सभी
राज्यों में 07:55 से 08:20 के मध्य चन्द्रदर्शन का समय है |