हिन्दी पञ्चांग
शुक्रवार, 30 नवम्बर 2018 – नई दिल्ली
विरोधकृत विक्रम सम्वत 2075 /
दक्षिणायन
सूर्योदय : 06:55 पर वृश्चिक में / अनुराधा नक्षत्र
सूर्यास्त : 17:23 पर
चन्द्र राशि : सिंह
चन्द्र नक्षत्र : पूर्वा फाल्गुनी 28:17 (शनिवार को सूर्योदय से पूर्व 04:17) तक, तत्पश्चात उत्तर फाल्गुनी
तिथि : मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी 16:54
तक, तत्पश्चात मार्गशीर्ष कृष्ण नवमी / काल भैरव जयन्ती
करण : कौलव 16:54 तक, तत्पश्चात तैतिल 28:05 (शनिवार को
सूर्योदय से पूर्व 04:05) तक, तत्पश्चात गर
योग : वैद्धृति 10:15 तक, तत्पश्चात विषकुम्भ
राहुकाल : 10:53 से 12:10
यमगंड : 14:46 से 16:03
गुलिका : 08:18 से 09:35
अभिजित मुहूर्त : 11:50 से 12:31
अन्य : बुध वृश्चिक में वक्री और अस्त / गुरु वृश्चिक में अस्त
विशेष :
कल यानी गुरूवार 29 नवम्बर को सायं 06:46 से अष्टमी तिथि का आरम्भ हो चुका है, किन्तु काल भैरव जयन्ती शुक्रवार 30 नवम्बर को ही मनाई
जाएगी | 30 नवम्बर को उदया तिथि है अष्टमी तिथि और सायं चार बजकर पचपन मिनट तक
रहेगी | मान्यता है कि मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी को ही भगवान शिव के क्रोधावतार काल
भैरव प्रकट हुए थे | इसीलिए इसे काल भैरवाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है | काल
भैरव का प्राकट्य दुष्टों को दण्ड देने के लिए हुआ था अतः इनका एक नाम दण्डपाणी भी
है | जो लोग काल भैरव की तान्त्रिक विधि से उपासना करते हैं उन्होंने 29 नवम्बर, गुरूवार को मध्यरात्रि में यह उपासना की होगी | किन्तु गृहस्थ लोगों के
लिए शुक्रवार को उदया तिथि होने के कारण काल भैरव की उपासना उचित रहेगी | भगवान
शिव इस रूप को माँ दुर्गा का द्वारपाल भी माना जाता है | साथ ही ऐसी भी मान्यता है
कि भगवान शिव ने अपनी प्रिय नगरी काशी की सुरक्षा का भार भी काल भैरव को ही दिया
हुआ है, और इस प्रकार काल भैरव काशी के भी द्वारपाल तथा शिवजी के प्रमुख गण के रूप
में जाने जाते हैं | शैव, शाक्त और वैष्णव तीनों सम्प्रदायों
में काल भैरव की उपासना किसी न किसी रूप में की जाती है |
4 जुलाई 1955 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जन्म | शिक्षा दीक्षा उत्तर प्रदेश के ही जिला बिजनौर के नजीबाबाद में सम्पन्न |
शिक्षा दीक्षा : संस्कृत तथा तबला में पोस्ट ग्रेजुएशन, गायन तथा कत्थक में ग्रेजुएशन, गुरु शिष्य परम्परा में गायन-तबला तथा जयपुर घराने के कत्थक की शिक्षा, भारतीय दर्शन में पी एच डी |
आकाशवाणी नजीबाबाद से उदघोषण, संगीत संयोजन, लेखन, संगीत रूपक इत्यादि विधाओं के चलते 7 वर्ष तक जुड़ाव | इस बीच लगभग पाँच वर्ष तक रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय और गढ़वाल विश्वविद्यालयों में संस्कृत अध्यापन |
1983 से विवाह के बाद से आज तक ज्योतिष और योग से सम्बन्धित अनेक पुस्तकों का हिन्दी अनुवाद, साथ ही 35 वर्षों से भी अधिक के अनुभव के साथ एक लब्ध प्रतिष्ठ ज्योतिषी |
कुछ प्रसिद्ध मीडिया कम्पनियों के लिए भी लेखन कार्य | लगभग दस वर्षों तक दूरदर्शन के प्रिव्यू पैनल पर एक्सपर्ट के रूप में कार्य |
प्रकाशित कार्य:
• बचपन से ही लेखन में गहन रूचि के कारण अनेक पत्र पत्रिकाओं में लेख लिखने का सौभाग्य |
• 2006 में अरावली प्रकाशन दिल्ली से देवदासियों के जीवन संघर्षों पर आधारित उपन्यास “नूपुरपाश” प्रकाशित |
• 2006 में ही व्यक्तिगत और सामाजिक अनुभवों पर आधारित प्रथम काव्य संग्रह “मेरी बातें” हिन्दी अकादमी दिल्ली के सौजन्य से अनमोल प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित |
• भारत के मध्यमवर्गीय परिवारों में नारियों के संघर्षमय जीवन की झलक प्रस्तुत करता उपन्यास “सौभाग्यवती भव” नाम से 2008 में भारतीय पुस्तक परिषद दिल्ली से प्रकाशित |
• बयार के समान उन्मुक्त भाव से प्रवाहित होती निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसर रहती महिलाओं पर ही आधारित उपन्यास “बयार” 2015 में एशिया पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित |
सम्प्रति:
• स्त्री-पुरुष के सम्बन्धों पर आधारित उपन्यास “विरक्त” शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है |
• अन्य अनेकों संस्थाओं की महासचिव रहने के बाद सम्प्रति WOW (Well-Being of Women) India नामक राष्ट्रीय स्तर की संस्था की महासचिव के रूप में क्षेत्र की एक प्रमुख समाज सेविका |
संपर्क सूत्र: 302, कानूनगो अपार्टमेंट, 71 इन्द्रप्रस्थ विस्तार, दिल्ली –92,
मोबाइल: 7042321200
वेबसाइट : https://www.astrologerdrpurnimasharma.in/
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