खुशियों की बौछार,आनंद की फुहार लाती है ये बारिश;
इंसान हो या पशु पक्षी, सभी में उत्साह का संचार करती ;
पेड़ पौधों की मुस्कराहट,पर्वतों के झरने आबाद करती;
पर्वतों पर फैली हरितिमा ,सब कुछ लाती है ये बारिश।
चातक की लंबे समय से सूखे ,कंठ की प्यास बुझाती;
मोर के नृत्य और कोयल के कूकने का कारण बनती;
खेतों में फसलों को जीवनदान,देती है ये मनोहारी बारिश।
मेंढक को नवीन जीवन प्रक्रिया,हिरण को फुदकने को मनाती;
निर्जीव नदियों और पहाड़ी नालों में,नया जीवन संचार करती;
नदियों और जलाशयों में जान फूंक ,उन्हें सजीव बनाती;
मन को रिमझिम फुहारों से, सारोबार करती है ये बारिश;
सभी के लिए जीवन दायिनी होती है, ये सुहानी बारिश।
कभी कभी अपने रौद्र रूप से ,तेज बरस साफ करती है ये धरती;
गर्मी से तपती इस धरा को,शीतलता की चादर ओढ़ा देती;
हमारी इस वसुंधरा के लिए, प्रकृति को नवीन श्रृंगार देती ;
निराशा के बीच आशा की किरण बनती है,ये जीवन दायिनी बारिश।