सागर सा गम्भीर,
नदियों सा चंचल मन है मेरा;
बड़े वृक्ष की तरह देता सुकून,
छोटे पौधे की तरह ये कोमल मन है मेरा।
घर से बाहर निकलने को आतुर ,
जल्दी ही घर लौटने को उत्सुक ये बच्चा मन है मेरा ;
पर्वत की तरह अडिग,
पानी की बूंद की तरह सूक्ष्म ये मन है मेरा।
हरी भरी फसल की तरह लहलहाता,
किसी पेड़ पे चढ़ती बेल की तरह ये मन है मेरा;
कभी विचलित तो कभी संयमित ,
अपनों के लिए समर्पित ये मन है मेरा।
विचारों से उद्वेलित,
चरित्र से शांत ये मन है मेरा;
किसी के प्रति नहीं द्वेष इसमें,
करुणा लिए ये मन है मेरा।
कोई कलुषित भावना नहीं इसमें,
ऐसा पवित्र है ये मन मेरा;
सभी के प्रति प्रेम भाव लिए,
साधारण है ये मन मेरा।
सभी के प्रति विश्वास रखे,
ईमानदार है ये मन मेरा;
सभी की प्रगति पर खुश रहे,
स्वच्छ है ये मन मेरा।