मुरझायेगी कैसे ये यादे,
खाद जो हम दे रहे हैं;
उन खुबसुरत पलों की।
सींच रहे है उसे संबंधों के पानी से,
नहीं मुरझाएगी ये यादें,
जड़ें इसकी बैठी है दिल में
गहरे।
23 सितम्बर 2020
मुरझायेगी कैसे ये यादे,
खाद जो हम दे रहे हैं;
उन खुबसुरत पलों की।
सींच रहे है उसे संबंधों के पानी से,
नहीं मुरझाएगी ये यादें,
जड़ें इसकी बैठी है दिल में
गहरे।
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Arun choudhary ,@civil engineer & director of Aakanksha group of studies.D