स्पर्श एक अनुभूति ,स्पर्श एक विज्ञान;
स्पर्श एक विधाता का चमत्कार,
स्पर्श एक संवेदन।
जन्मते से ही स्पर्श की अनुभूति की शुरुआत,
पहले मां के हाथों की नर्म थपकियों का स्पर्श,
उसके दिल की धड़कनों का आभासी अनुपात।
बालपन में पापा की प्यार भरी चपत का स्पर्श,
उनके द्वारा देर सबेर दी गयी शबाशियों का स्पर्श,
दादा दादी ,नाना नानी की गाल पे पड़ने वाली ,
सिर पे फेरने वाली ,हथेलियों का स्नेहल स्पर्श;
हमारे लिए एक सुरक्षात्मक विश्वास होता जागृत।
किशोरावस्था में दोस्तों की पीठ पे जमायी धौल,
युवावस्था में दोस्तों का दिल से आलिंगन ,
देता एक चमत्कारी विश्वास युक्त सुरक्षित यौवन।
विवाहोपरांत अपनी जीवनसंगिनी के मन का स्पर्श,
उसके बाद अपने बच्चों के मुलायम हाथों का स्पर्श,
वृद्धावस्था में अपने बच्चों के आदर्श व्यवहार का स्पर्श,
कर देता मन और तन को ताजगी भरे अहसास का उत्कर्ष।