हां मैंने भी बुना है एक सुन्दर सा ख़्वाब,
किसी ने कहा मुझे इजाज़त नहीं है देखने की ख़्वाब;
ये क्या बात हुई तुम बुन तो लो अपने अपने ख़्वाब।
लेकिन देख नहीं सकते, तुम अमल होते ये ख़्वाब;
ख़्वाबों को हकीक़त में बदलना,हमारे लिए है ही ख़्वाब ।
हां मैंने भी बुना है एक सुन्दर सा ख़्वाब।
लेकिन सुना नहीं ख्वाबों को,यकीन में बदलते हुए;
हक़ीक़त की धरातल पर उतर आते है, ख़्वाब दिल से देखे हुए।
यकीन में बदल जाए अगर ये ख्वाब,विश्वास अमर हो जाता है;
अपने ख़्वाबों को यूं सहेज के रखो,कभी कोई पुरा भी हो जाता है।
एकाग्रता , दृढ़ निश्चय,लगन और आपका विश्वास,
ख्वाबों को जमीन पे लाने को है तैयार;
हां इसीलिए मैंने भी बुना है एक सुन्दर सा ख़्वाब।
ख्वाबों को सिमटने ना दो, खिलने दो उन्हें फलने फूलने दो;
जीवन के सुन्दर राग संजोए है वो,उन्हें तन्मयता से गाने दो।
आपका उज्ज्वल भविष्य है वो,उनको अजनबी ना समझो;
आप अगर पुरा विश्वास रखें तो,आपको सफल बनाने के लिए तैयार समझो।
हां इसीलिए मैंने भी बुना है एक सुन्दर सा ख्वाब।