हां मै बहुत खुश था ,जब मै छोटा था ।
पापा लाए थे हार डाल कर नयी सायकिल,
सारे दोस्तो को इकट्ठा कर ,मै बहुत खुश था,
सभी को एक एक राउंड का वादा कर ,
मैंने नहीं छोड़ी सायकिल दिन भर।
हां मैं बहुत खुश था,जब घर पर टी वी आया,
वो भी ब्लैक & व्हाइट ,
रोब से सभी दोस्तों को फिर बुला लाया,
छोटे से कमरे में बैठ गए सब टाइट।
हां मैं बहुत खुश था,जब घर पर आया नया फ्रीज़,
फिर ले आया सारे दोस्तों को,छोड़ कर क्रीज।
बड़े शौक से अड़ोसी पड़ोसी को देता था ,
आइस क्यूब्स और बोतल में ठंडा पानी।
मेहमान के घर आते ही ,देता फ्रिज से ठंडा पानी,
चलाकर डी डी नेशनल चैनल टी वी पर ,
ध्यान आकर्षित टी वी की ओर करता उनका भरपूर।
हां मै बहुत खुश था ,वैसे मै था बड़ा ही चतुर।
लेकिन अब लक्जरियस कार ले आऊं,
बड़ा भारी फ्रिज घर ले आऊं,
नया स्मार्ट एल ई डी टी वी घर लाऊं,
वो मजा नहीं मिलता, न ही उतनी खुशी,
क्योंकि पहले हम कम में ही थे संतुष्ट ,
आज ज्यादा में भी ना है हम संतुष्ट।
हां मै बहुत खुश था,जब मेरे पास था थोड़ा,
तब मै दौड़ाता रहता था ,हमेशा खुशी का घोड़ा।