10 जुलाई 2015
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मैं राजनीति शास्त्र एवं हिंदी में एम.ए हुं, अपने विभाग में यूनियन का अध्यक्ष रह चुका हुं, जिला इंटक बठिंडा का वरिष्ठ उप प्रधान रह चुका हुं, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, बठिंडा एवं भुवनेश्वर का सदस्य-सचिव रह चुका हुँ, वर्तमान में अखिल भारतीय कर्मचारी भविष्य निधि राजभाषा संघ का सलाहकार हूँ, आयकर विभाग में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत रह चुका हुँ, आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर हिंदी मामलों से संबंधित विशेषज्ञ पेनलों एवं हिंदी संगोष्टियों का हिस्सा रह चुका हुं, अलग-अलग नाम से विभागीय और नराकास की 12 से भी अधिक पत्रिकाओं का संपादक रह चुका हुँ, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से राजभाषा अधिकारी के पद से सेवानिवृत्ति के पश्चात जुलाई, 2019 से बतौर परामर्शदाता कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय में तैनात हूँ, 05 वर्ष तक श्री साईं कॉन्वेंट स्कूल, अमृतसर के प्रधानाचार्य का पद संभाला और कुछ समय तक एनडीएमसी, दिल्ली के सोशल एजुकेशन विभाग के कौशल विकास अनुभाग का कार्य भी देखा। मनसुख होटल और करतार होटल अमृतसर का प्रबंधक रह चुका हूँ , भाषाकेसरीओएल के नाम से मेरा यूट्यूब चैनल है और स्वयं की ओर से लिखित पुस्तकों का लेखक भी हूँ ।D
धन्यवाद मंजीत सिंह जी
18 जुलाई 2015
धन्यवाद योगिता वार्ड (खत्री) जी
18 जुलाई 2015
धन्यवाद आशीष श्रीवास्तव जी
18 जुलाई 2015
धन्यवाद ओम प्रकाश शर्मा जी
18 जुलाई 2015
धन्यवाद महातम मिश्रा जी
18 जुलाई 2015
धन्यवाद डॉ. शिखा महोदया
18 जुलाई 2015
दूसरी घटना तो पढ़ के हसी आई ... ऐसे अनुभव कोई कैसे भूल सकता है
11 जुलाई 2015
बहुत बढ़िया विजय जी ..धन्यवाद
11 जुलाई 2015
हंसती और गुदगुदाती रचना ने इस बारिश के मौसम की तरह मन को आल्हादित कर दिया
11 जुलाई 2015
बचपन के सुन्दर संस्मरण...बहुत कुछ सिखा जाते हैं ! धन्यवाद, विजय जी !
11 जुलाई 2015