ग्राहक- दुकान पर जाकर दुकानदार से - एक किलो गुड़ देना
दुकानदार- गुड़ देने को - वो डिब्बा खोला जिस पर नमक लिखा था
ग्राहक- गुड़ की जगह नमक दे रहे हो मुझे लूटोगे क्या ?
दुकानदार- चुपकर-चुपकर मक्खियों को धोखा देने के लिए ऐसे लिखा है
16 अप्रैल 2016
ग्राहक- दुकान पर जाकर दुकानदार से - एक किलो गुड़ देना
दुकानदार- गुड़ देने को - वो डिब्बा खोला जिस पर नमक लिखा था
ग्राहक- गुड़ की जगह नमक दे रहे हो मुझे लूटोगे क्या ?
दुकानदार- चुपकर-चुपकर मक्खियों को धोखा देने के लिए ऐसे लिखा है
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मैं राजनीति शास्त्र एवं हिंदी में एम.ए हुं, अपने विभाग में यूनियन का अध्यक्ष रह चुका हुं, जिला इंटक बठिंडा का वरिष्ठ उप प्रधान रह चुका हुं, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, बठिंडा एवं भुवनेश्वर का सदस्य-सचिव रह चुका हुँ, वर्तमान में अखिल भारतीय कर्मचारी भविष्य निधि राजभाषा संघ का सलाहकार हूँ, आयकर विभाग में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत रह चुका हुँ, आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर हिंदी मामलों से संबंधित विशेषज्ञ पेनलों एवं हिंदी संगोष्टियों का हिस्सा रह चुका हुं, अलग-अलग नाम से विभागीय और नराकास की 12 से भी अधिक पत्रिकाओं का संपादक रह चुका हुँ, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से राजभाषा अधिकारी के पद से सेवानिवृत्ति के पश्चात जुलाई, 2019 से बतौर परामर्शदाता कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय में तैनात हूँ, 05 वर्ष तक श्री साईं कॉन्वेंट स्कूल, अमृतसर के प्रधानाचार्य का पद संभाला और कुछ समय तक एनडीएमसी, दिल्ली के सोशल एजुकेशन विभाग के कौशल विकास अनुभाग का कार्य भी देखा। मनसुख होटल और करतार होटल अमृतसर का प्रबंधक रह चुका हूँ , भाषाकेसरीओएल के नाम से मेरा यूट्यूब चैनल है और स्वयं की ओर से लिखित पुस्तकों का लेखक भी हूँ ।D
बहुत बढ़िया ! विजय जी, अपने तमाम साथियों से यही कहना चाहता हूँ कि मन में चल रही कोई भी छोटी से छोटी बात शब्दनगरी पर हिंदी में लिखने से कोई भी यूज़र संकोच न करें. कोई ज़रूरी नहीं है कि लेखन में बहुत गम्भीरता ही हो, लेख बड़ा साहित्यिक ही हो. बस इतना हो कि किसी के मन की बात सिर्फ मन में ही न दबी रह जाये. अपनी छोटी-छोटी खुशियां, बातें, इवेंट्स...कुछ भी शेयर ज़रूर करें. आपके तमाम गहन चिंतन को दर्शाते लेखों के बीच यह चुटकुला भी अच्छा लगा. शब्दनगरी जैसे हिंदी मंच के होते हुए, हमारे तमाम हिंदी भाषी मित्रों की ख़ामोशी अच्छी नहीं लग रही. दिन भर में आप सबकी एक छोटी सी पोस्ट भी हम सबके एक उद्देश्य के लिए, एक साथ होने का एहसास दिलाती है !
19 अप्रैल 2016