22 जुलाई 2015
54 फ़ॉलोअर्स
मैं राजनीति शास्त्र एवं हिंदी में एम.ए हुं, अपने विभाग में यूनियन का अध्यक्ष रह चुका हुं, जिला इंटक बठिंडा का वरिष्ठ उप प्रधान रह चुका हुं, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, बठिंडा एवं भुवनेश्वर का सदस्य-सचिव रह चुका हुँ, वर्तमान में अखिल भारतीय कर्मचारी भविष्य निधि राजभाषा संघ का सलाहकार हूँ, आयकर विभाग में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत रह चुका हुँ, आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर हिंदी मामलों से संबंधित विशेषज्ञ पेनलों एवं हिंदी संगोष्टियों का हिस्सा रह चुका हुं, अलग-अलग नाम से विभागीय और नराकास की 12 से भी अधिक पत्रिकाओं का संपादक रह चुका हुँ, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से राजभाषा अधिकारी के पद से सेवानिवृत्ति के पश्चात जुलाई, 2019 से बतौर परामर्शदाता कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय में तैनात हूँ, 05 वर्ष तक श्री साईं कॉन्वेंट स्कूल, अमृतसर के प्रधानाचार्य का पद संभाला और कुछ समय तक एनडीएमसी, दिल्ली के सोशल एजुकेशन विभाग के कौशल विकास अनुभाग का कार्य भी देखा। मनसुख होटल और करतार होटल अमृतसर का प्रबंधक रह चुका हूँ , भाषाकेसरीओएल के नाम से मेरा यूट्यूब चैनल है और स्वयं की ओर से लिखित पुस्तकों का लेखक भी हूँ ।D
धन्यवाद प्रिंयका शर्मा जी
8 अगस्त 2015
बेहद अच्छा लिखा है ....
31 जुलाई 2015
धन्यवाद ओम प्रकाश शर्मा जी
26 जुलाई 2015
धन्यवाद मंजीत सिंह जी
26 जुलाई 2015
धन्यवाद शब्दनगरी संगठन
26 जुलाई 2015
धन्यवाद नरेंद्र जानी जी
26 जुलाई 2015
विजय जी, कवि ह्रदय तो फिर कवि ह्रदय ही है....कहीं से भी कविता ढूंढ लाता है, शीर्षक बहुत प्यारा लगा और कविता तो सुन्दर है ही....बधाई !
24 जुलाई 2015
प्रेम से की तौबा और लड़कियों का आकर्षण सदा के लिए भूल गया वो - बहुत बढ़िया विवरण ... कविता में लघु कथा भी है ....
24 जुलाई 2015
बहुत अच्छा और मनोरंजक लेख ... विजय जी ... आभार
23 जुलाई 2015
सुन्दर रचना .. अल्हड़ उमर ऐसी कि चुड़ैल संग भी हो लें वो.. बहुत खूब .. आज के युवाओं का सही चित्रण ... बधाई .
22 जुलाई 2015