जीवन में
अनगिनती पल ऐसे आते हैं जब माता पिता की याद अनायास ही मुस्कुराने को विवश कर देती
है | ऐसा ही कुछ कभी कभी हमारे साथ भी होता है | माँ क्या होती है – इसके लिए तो
वास्तव में शब्द ही नहीं मिल पाते | माँ की जब याद आती है तो बस इतना ही मन करता
है:
माँ तेरी गोदी
में सर रख सो जाऊँ मैं पल भर को, तो
लोरी तू गा देना, दिल
को कुछ तो राहत मिल जाएगी ।
तेरे आँचल की
छाया से बढ़कर नहीं जहाँ की खुशियाँ,
सर पर तेरा हाथ
रहे तो मंज़िल मुझको मिल जाएगी ।|
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