
मित्रता दिवस
शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखने के लिए स्वस्थ
सामाजिक सम्बन्ध और घनिष्ठ मित्र अत्यन्त आवश्यक है... क्योंकि मित्रता
शुद्धतम प्रेम है... यह प्रेम का सर्वोच्च रूप है... जहाँ कुछ भी माँगा नहीं जाता...
जहाँ कोई शर्त नहीं होती... जहाँ बस देने में
आनन्द आता है... सच्ची
मित्रता वही है जहाँ मित्रगण परस्पर एक दूसरे के हर पक्ष को जानते हुए भी परस्पर
मधुर और प्रेममय सम्बन्ध बनाए रखते हैं...
आज सुबह व्हाट्सएप और फेसबुक पर मित्रों के शुभकामना
सन्देशों ज्ञात हुआ कि आज तो मित्रता दिवस यानी Friendship Day है |
तो सबसे पहले तो सभी को मित्रता दिवस की अनेकशः बधाई और हार्दिक शुभकामनाएँ...
मित्रता का वास्तविक अर्थ है अपने से इतर किसी अन्य
व्यक्ति को अथवा वातावरण को अथवा किसी पशु को, पक्षी को, समूची चराचर प्रकृति को भी उतना ही महत्त्व दिया जाए जितना स्वयं को देते
हैं, क्योंकि समस्त चराचर जगत उसी परमात्मतत्व की ही तो सत्ता है जो हमारे भीतर
विद्यमान है | मित्रता का आकाश वास्तव में बहुत व्यापक होता
है… बहुत विशाल होता है… मित्रता एक ऐसी सुगन्ध है जिसे केवल अनुभव किया जा सकता
है… एक ऐसा अनुभव है जिसे शब्दों में नहीं कहा जा सकता… एक ऐसी कविता – ऐसा गीत
अथवा कहानी है जिसकी कोई व्याख्या नहीं की जा सकती… जिसे कोई नाम नहीं दिया जा
सकता… किनारे से टकराती हुई सागर की एक ऐसी लहर है जो हमारे पग पखार कर आगे बढ़
जाती है क्योंकि उसे पकड़ा नहीं जा सकता… और जो प्रयास करेगा इसे पकड़ने का वह इसे
मूल रूप में ही खो देगा…
भगवान् बुद्ध से किसी ने प्रश्न किया था कि आप तो बुद्ध
हैं,
आपके तो बहुत मित्र होंगे ? बुद्ध ने एक शब्द
में उत्तर दिया “नहीं” | उस व्यक्ति को आश्चर्य हुआ यह सोचकर
कि बुद्ध पुरुष के लिए तो सारा संसार ही मित्र होना चाहिए, फिर
ये भगवान् किसलिए बोल रहे हैं कि इनका कोई मित्र नहीं है | भगवान्
बुद्ध का उत्तर था “बुद्ध पुरुष का कोई मित्र नहीं होता – क्योंकि बुद्ध का कोई
शत्रु नहीं होता…”
पिछले बरस एक कार्यक्रम में जाना हुआ था तो देखा वहाँ
भी सब लोग गले मिलकर एक दूसरे से Happy Friendship Day बोलते नज़र आए |
बड़ा सुखद अनुभव था उन मित्रतापूर्ण क्षणों का और उन मित्रतापूर्ण शुभकामना
सन्देशों का | लेकिन तभी देखा कुछ लोगों ने WhatsApp पर सन्देश फॉरवर्ड करने आरम्भ कर दिए कि ये Friendship Day जैसे जितने भी Days हैं ये सब आर्चीज़ जैसी गिफ्ट
आईटम बेचने वाली कम्पनियों और विदेशी संस्कृति की देन हैं इसलिए हमें इस सबसे दूर
रहना चाहिए | सन्देश पढ़कर वास्तव में अच्छा नहीं लगा |
चाहे आर्चीज़ की देन हो या विदेशी सभ्यता की देन हो, आजकल
के व्यस्त जीवन में से यदि थोड़ा सा समय निकाल एक दिन हर कोई हर किसी के साथ अपनी
मित्रता अभिव्यक्त करने के लिए नियत करता है तो इसमें बुरा क्या है ? भारतीय दर्शन की तो मान्यता ही वसुधैव कुटुम्बकम् की मान्यता है – वही जो
भगवान बुद्ध ने कहा “उनका कोई मित्र नहीं है क्योंकि उनका कोई शत्रु नहीं है |” कहने का तात्पर्य यही था बुद्ध का कि उनके लिए समस्त चराचर जगत ही उनका
मित्र है |
इसलिए, हमारे
सन्देश प्रेषित करने वाले मित्र यदि बोलते कि Happy Friendship Day बोलने के लिए एक दिन ही क्यों, हर दिन ऐसा क्यों
नहीं बोला जा सकता ? तो इस बात को माना जा सकता है | लेकिन साथ ही यह भी देखना होगा कि यदि हर दिन मित्रों को Happy
Friendship Day बोलना शुरू कर दिया तो उस छोटे से वाक्य का सारा रस
ही समाप्त हो जाएगा | मित्रता का अथवा प्रेम का “प्रदर्शन”
लगातार किया जाना आवश्यक नहीं है, आवश्यक है कि वह भाव सदा
मन में बना रहे – जीवन पर्यन्त बना रहे और मन में मिठास घोलता रहे | और एक दिन जब इस प्रकार के मित्रतापूर्ण सन्देश प्राप्त होते हैं या हम
दूसरों को ऐसे सन्देश प्रेषित करते हैं तो वास्तव में एक सुखद अनुभव होता है और
बुद्ध की ही भाँति ये कहा जा सकता है कि हमारा कोई शत्रु नहीं है… साथ ही कुछ
लोगों को अवसर भी मिल जाता है आपसी गिले शिकवे दूर करके यदि कोई शत्रु अथवा विरोधी
भी है तो उसे अपना बनाने का…
सभी मित्रों को मित्रता दिवस की बधाई और हार्दिक शुभकामनाएँ… Happy Friendship Day…