सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु
निरामयाः
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित
दुःखभाग्भवेत।।
भारतीय वांगमय में सदा सबके कल्याण
की कामना की गई है | उसे ही सार्वभौम मानव धर्म माना गया है | प्रार्थना की गई है
कि सभी प्रसन्न रहे, सभी नीरोगी रहें, सभी के समस्त कर्म सिद्ध हों, किसी को भी
किसी प्रकार का कष्ट न मिले... वैदिक ऋषि की इसी कामना के साथ सभी को नव सम्वत्सर
की अनेकशः हार्दिक शुभकामनाएँ...
वो देखो जी आया बसन्त, संग में लेकर नववर्ष अरे
वो देखो लहराया वसन्त, संग में लेकर नव वर्ष अरे ||
नवल वर्ष की स्वर्णिम किरणें सबही का हैं मन हर्षाएं
नवल भोर का सूर्य नवोदित सबको नूतन पथ दिखलाए ||
आज धरा पुलकित होती है, और गगन भी मुस्काता है |
चिन्ताएँ हैं बड़ी, मगर कल खुशियों का आने वाला है ||
आओ मिलकर स्वागत कर लें, नव
कुसुमांजलि अर्पण कर दें |
आया
नूतन वर्ष, हो सबको मंगलमय नव वर्ष ||
आज
न कोई फांस पुरानी रह जाए, आज न कोई कटुता बाक़ी रह जाए |
द्वेष
घृणा का अँधियारा सब छंट जाए, प्रेम सुमन हर जन के हिय में खिल जाए |
आओ
मिलकर नव अरुणोदय का हम सब ही स्वागत कर लें |
आया
नूतन वर्ष, हो सबको मंगलमय नव वर्ष ||
हर
घर में बस प्रेम उजाला फैला हो, और सद्भावों से सबका मन जागा हो |
कोई
अधूरा काज यदि हो रहा कभी, पूरा करने हित मन में संकल्प नया हो |
आओ
मिलकर प्यार भरी बोली से इसका स्वागत कर लें |
आया
नूतन वर्ष, हो सबको मंगलमय नव वर्ष ||
हर
मन में विचरित हो एक नई आशा, वातावरण नया हो ऐसी अभिलाषा |
सुख
समृद्धि के पुष्प चहूँ दिशि खिल जाएँ, हर दिन खुशियों का संदेसा ले आए |
आओ
मिलकर एक नई सरगम से सबका स्वागत कर लें |
आया
नूतन वर्ष, हो सबको मंगलमय नव वर्ष ||
अस्तु, कल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को उदित होने वाले सूर्य की प्रत्येक किरण हर दिन आपके तथा आपके परिवारजनों के जीवन में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य, उत्साह एवं सफलता की रजत धूप प्रसारित करे, और प्रत्येक निशा का चन्द्र प्रेम एवं शान्ति की धवल ज्योत्स्ना ज्योतित करे... एक नवीन और सकारात्मक नव सम्वत्सर तथा साम्वत्सरिक नवरात्र की सभी को अनेकानेक हार्दिक शुभकामनाएँ... माँ भगवती सभी का कल्याण करें...