वो रात.... वो रात्रि मेरे लिए ही थी ,मेरे लिए ही तो... सभी कार्य हो रहे थे ,सभी मेरे आगे -पीछे घूम रहे थे। उस रात्रि की'' मल्लिका'' मैं ही थी ,कुछ वर्ष पहले ही तो ,मैं अपने' पापा की गुड़िया' थी। कुछ वर्षों के अंतराल में ,मेरी शारीरिक बनावट में कुछ परिवर्तन आने ,आरम्भ हो गए। मुझे भी अपना... ये परिवर्तन ,सुखदायक और आनंदानुभूति देने लगा ,मुझमें कुछ विशेष है ,यही सोच ,मन ही मन प्रसन्नता होती। अब लगता ,कोई इस रूप -सौंदर्य की प्रशंसा करे ,मुझे अपनी बातों से रिझाये ,मुझे मुस्कुराकर देखे और उस प्रशंसा से मैं ,अपने आप में ही खो जाऊँ। अब तो श्रंगार करने की चाह भी बढ़ने लगी ,घन्टों अपने को उस आईने में निहारती ,जिस पर मैंने कभी ध्यान ही नहीं दिया।
हमेशा अपने को ,अपने पापा की नजर से देखा ,आज दिल चाहता ,कोई और भी निहारे, मेरी प्रशंसा करे। किन्तु पापा से ये बात कहाँ छुपी रह सकी?
कुछ दिनों पहले ही ,मेरी ज़िंदगी में कुछ बदलाव आने आरम्भ हो गए ,कुछ लोग मुझे भेड़ -बकरियों की तरह देखने आने लगे किन्तु मुझे ,उनका इस तरह देखना ,अच्छा नहीं लगा। उनके बीच एक व्यक्ति ऐसा भी आता ,जो मुझे निहारता किन्तु अच्छा नहीं लगता। पापा ने कभी मुझसे कहा नहीं, किन्तु समझ जाते। एक दिन ऐसा कोई आया- जिसे देख ,मुझे लगा -कि यही कोई मेरा अपना है ,मेरे पापा के पश्चात ,उसे मैं अपने दिल के कोने में कहीं स्थान दे सकूंगी।
और एक रात्रि मेरे लिए भी आई ,जब मैं किसी राजकुमारी की तरह सज संवरकर ,अपने पापा के दिल का महल छोड़कर ,किसी और के दिल में प्रवेश करने वाली थी । उसके' दिल की रानी ''बनने जा रही थी ,अब मेरा उसके दिल पर अधिकार होगा ,इसी बात से इठला रही थी। यही तो वो रात्रि है ,जो दो दिलों को मिलाने जा रही थी। मेरे जीवन का बहुत बड़ा बदलाव ,किन्तु इस बदलाव से मैं प्रसन्न थी। पापा और मम्मा को छोड़ने का ग़म किन्तु नए जीवन में प्रवेश करने की ख़ुशी भी तो ,ये रात्रि लाई है।
आज पापा की नन्हीं परी ,लहंगे और शृंगार में किसी के लिए इठलाई है ,किसी ने उसके लिए ,अपने दिल की सेज़ सजाई है ?ये रात्रि हमारे मिलन की शुभ घड़ी लाई है।
वो रात्रि..... जिसने जीवन में इतना परिवर्तन ला दिया ,कुछ
दिनों की रानी ,धीरे -धीरे नौकरानी बन गयी और एक दिन ,जिस हवन की अग्नि ने हमें मिलाया था ,उसी अग्नि के हवाले हो गयी। पापा ने अपनी परी को प्यार दिया ,दुलार दिया ,संस्कार दिया ,परिवार दिया किन्तु ''दहेज़ ''नहीं दिया।
वो रात्रि... जिसने उसके जीवन में इतना परिवर्तन ला दिया ,उसे स्मरण करने के लिए ,आज वो ही नहीं।