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परिवार

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सौम्या जल्दी से घर से निकली और जल्दी जल्दी चलने लगी । वो मन में सोच रही थी कि पता नहीं , आज अचानक से   ये लोग 🙄 मेरे लिए लड़का देखने की बात क्यों करने लगये ।उफ्फ क्या सियाप्पा है ये 🙄

  3 साल बाद      सुबह 9:30 amअक्षरा जी - बेटा जाओं जल्दी । बस छूट जायेगी तुम्हारी । वो अपने प्यारी सी बच्ची को बोल रही थी (अक्षरा जी सौम्या की माँ है । जिनकी जान बसती है अपनी सोमू

शशांक अभी भी सौम्या का हाथ  अपने हाथ में लिये हुए था ...और सौम्या ने भी शशांक के हाथों को टाइटली पकड़ा हुआ था .... वो उसके हाथ छोड़ना नहीं चाहती थी .. क्योंकि अभी भी उसे डर लग रहा था (ꏿ﹏ꏿ;) .कि क

                            ।।     जय श्री राम ।। आज का दौर इंटरनेट का दौर है हम सब को ये बात पता है ... आज   में आप से लोगो के गरीबी के नजरिए से जोड़ी सच्ची घटना पर बात करना चाहता हूं।  एक ias

 शशांक -धीरे से हेलो गाइस हम सब आ गए हैं . . . और यह कह कर वो मुस्कुरा देता है😊इस समय सच में शशांक बहुत खुश नजर आ रहा था शायद यह जगह उसे बहुत अच्छी लग रही थी या फिर कोई और बात थी ...🤔आदित्य -आश

मेरी  उम्मीद हो आप ...मेरी हर चीज हो आप ...आपको क्या बताऊं मै ...क्या चीज हो आप ...दुनिया सूना - सा लगने लगता है ...  जब आपको कुछ हो जाता है  तो ...आपका ख़्याल कर के जीती हूँ ...आप

वृंदा का संम्बाद सुनकर जन समुदाय की आँखे नम हो गई।गुरुजी ने कहा, वृंदा की भावनाओं का सम्मान करता हूँ।भारत में अनमोल धरोहर लक्ष्मी बाई,अब वृंदा भी हैं।मैं वृंदा और ख्याति के माता-पिता को धन्य समझता हूँ

काम क्रोध और लोभ  मैं तज कर जा सकता हूं लेकिन चाहूं भी तो मैं मेरे दोस्त तुझे कैसे भुला सकता हूं तेरा साथ भी तो एक बंधन है बता भला मैं क्या तज तुझे अकेला मुक्ति पा सकता हूं तेरे भरोसे छोड़ गया

चिराग ए इल्म की शिद्दत में यह दीप क्यों लगा बहकने  क्या साथ चल ना सका या अब पसंद नहीं तुझे तेरे अपने भला क्यों है तु रुसवा सबसे नही देता किसी का जवाब किस दुनिया का मालिक बन बैठा तुझ पर छाय

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  अब लौट चलूं आज मुझें ऐसा लग रहा था कि मैं सच में आजाद हूं, सारी दुनियां आज पहली बार मुझें नई लग रहीं थी....सब कुछ नया सुकून से भरा....गर्त के अंधेरे को चीर कर मेरे कदम नए उजाले की ओर अनयास

            "रानी की सॉस  का गुस्सा इतना बढा हुआ  था कि उसे समझ मे नही आ रहा था कि वो उनका गुस्सा कैसे ठिक करे ,फिर रानी अपनी सॉस  के लिए  खाना ल

               "रानी बहुत व्याकुल  हो रही थी ,किसे नास्ता  पहले दे ,और किसे ना दे ,पति को नास्ता  दे या फिर ससुर जी को पहले नास्ता  देने जाए

       "आवाज  सुनकर चौक गई  ।फिर मेने कहॉ आप अभी तक जाग रहे है , तो वो बोले हॉ जाग रहा हुं ।बस तुम्हारा इन्तजार  कर रहा था कि कब तुम कमरे मे आओगी ।अच्छा  छ

         " जैसा कि आपने देखा ,रानी का  पति  राज  रानी को लेने स्टोर  रूम  मे आता है ।रानी ,राज के साथ कमरे मे नही जाती है  ।    &n

          "बहुत सोचने समझने के बाद रानी उसी स्टोर  रूम  मे बिस्तर  लगा कर लेट जाती है ।नीतु वहॉ से चल गई  थी , रानी लेटे-लेटे बहुत कुछ सोचते रहती है ,

          "फिर थोडी देर बाद मुझे कमरे मे भेजा गया तभी मै नीतु से पूछी की ,,,, आपके भैया कहॉ है ,,,, वो अपने दोस्तो के साथ बाहर गए है ,,, फिर मै बोली ,,, हॉ उनको क्या मतलब

              भाग-3  ।  मे हमने देखा कि  'रानी ' को जमीन  पर बैठने के लिए  उसकी सॉस बोलती है ???          &nbs

          "एक घंटे मे नास्ता  तैयार  हो जाना चाहिए  ।बोलकर रानी की नन्द रसोई  से बाहर  चली गई  ।फिर  रानी सोचने लगी।एक घंटे मे कैसे सबक

            "ऑधी रात को दरवाजा कौन खटखटा रहा था ।ये सारे सवालआपलोग  के मन मै चल रहे होगे ।तो चलिए  देखते है ,आखिर  कौन है ।जो दरवाजा खटखटा रहा है ।&nb

             "मन की व्यथा "    एक ऐसी  'औरत 'की कहानी है ,जो मन से ही बाते करती रहती है ।यहॉ तक वो अपने ऑसु भी अपने अंदर, छिपाकर रखती है । 

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